दमोह में शनिवार को अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित नए कानून का विरोध किया। सभी वकीलों ने काम बंद रखा और विरोध प्रदर्शन किया।
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अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कमलेश भारद्वाज ने बताया कि सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधन वकीलों के हित में नहीं है। इसलिए पूरे देश के वकील इसका विरोध कर रहे हैं।
यह वकीलों को आपस में लड़ाने की कोशिश
संघ के पूर्व अध्यक्ष पंकज खरे ने नए कानून की धारा 35 और 42A पर कहा कि नए प्रावधान के मुताबिक अगर कोई वकील केस हार जाता है तो शिकायत पर उसे पक्षकार को 5 लाख रुपए देने होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वकीलों को आपस में लड़ाने की कोशिश है।
खरे ने कहा कि पहले भी कानून में बदलाव से वकीलों को नुकसान हुआ है। उनकी लाखों रुपए की कानूनी किताबें और लाइब्रेरी बेकार हो गई हैं। उन्होंने सरकार से अहंकार छोड़कर वकीलों की मांगों पर विचार करने की अपील की।
वकीलों ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा और शहर में विरोध रैली निकाली। उन्होंने सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की।