आरोपी झोलाछाप डाॅक्टर दशरथ कुमार बैरागी।
जबलपुर के रिछाई क्षेत्र में मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई के दौरान झोलाछाप डॉक्टर की क्लिनिक से भारी मात्रा में बिना लाइसेंस की एलोपैथिक दवाएं और हिंदू धर्म विरोधी आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुआ है। खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने क्लिनिक को सील कर दिया है
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क्लिनिक के बाहर पहुंचकर विहिप ने किया हंगामा।
20 रुपए में इलाज, साथ में धर्म परिवर्तन की कोशिश
डिंडोरी जिले का रहने वाला 50 वर्षीय दशरथ बैरागी जनस्वास्थ्य रक्षक के रूप में प्रशिक्षित था। लेकिन प्रशिक्षण के दायरे से बाहर जाकर वह वर्षों से रिछाई में अवैध रूप से क्लिनिक चला रहा था। महज 20 रुपए में गरीब और मजदूर वर्ग के मरीजों का इलाज करने के बहाने वह न सिर्फ झोलाछाप तरीके से एलोपैथिक दवाएं देता था, बल्कि उनके हाथों में हिंदू धर्म विरोधी किताबें थमाकर उन्हें धर्म बदलने के लिए प्रेरित करता था।

झोलाछाप के पास दवाएं के साथ मिली हिंदू विरोधी किताब।
छापे में मिला बड़ा स्टॉक दवाओं का, नहीं था लाइसेंस
कलेक्टर को शिकायत मिलने के बाद सीएमएचओ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों शरद जैन और प्रवीण कुमार ने दशरथ की क्लिनिक पर छापा मारा। वहां मरीजों की भीड़ लगी थी और बिना पंजीकरण के बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाओं का भंडारण किया गया था। क्लिनिक से करीब 20-25 हजार रुपए कीमत की दवाएं, मल्टीविटामिन, इंजेक्शन और अन्य मेडिकल सामग्री बरामद की गई। न तो क्लिनिक रजिस्टर्ड थी और न ही दवाओं के लिए कोई अनुमति या फार्मासिस्ट उपलब्ध था।
हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणियों वाली किताबें बरामद
बुधवार रात जब क्लिनिक को सील करने की कार्रवाई हुई, तो दवाओं के साथ ही कई हिंदू विरोधी किताबें बरामद की गईं। इन पुस्तकों में देवी-देवताओं के विरुद्ध अपमानजनक और भड़काऊ सामग्री पाई गई। आरोप है कि दशरथ ये किताबें अपने मरीजों को मुफ्त में बांटता था और उन्हें धीरे-धीरे धर्म बदलने के लिए मानसिक रूप से तैयार करता था।

पुलिस की जांच के दौरान कुर्सी पर बैठा रहा दशरथ कुमार बैरागी।
विश्व हिंदू परिषद का विरोध, थाने में दी शिकायत
घटना की जानकारी मिलते ही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के नेताओं ने आरोपी पर सुनियोजित धर्मांतरण की साजिश का आरोप लगाया है। विहिप नेता विनय सिंह ने बताया कि पुलिस को धर्म विरोधी किताबों की सूची और सबूत सौंपे गए हैं।

झोलाछाप को पुलिस ने लिया हिरासत में ।
15 वर्षों से रिछाई में बना रखा था क्लिनिक
दशरथ बैरागी वर्ष 2001 में जन स्वास्थ्य रक्षक के तौर पर प्रशिक्षित हुआ था। शुरुआती कुछ वर्षों तक उसने स्वास्थ्य केंद्रों में सहायक का काम किया, लेकिन 2010 में रिछाई में खुद की क्लिनिक खोल ली। स्थानीय लोग वर्षों से उसे डॉक्टर समझते रहे, लेकिन अब जाकर उसका असली चेहरा सामने आया है।
रांझी थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दो अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है। स्वास्थ्य विभाग भी दवाओं की जांच में जुटा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है।
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जन स्वास्थ्य रक्षक बना झोलाछाप डॉक्टर

जबलपुर में जन स्वास्थ्य रक्षक के रूप में प्रशिक्षित एक व्यक्ति खुद को डॉक्टर बताकर वर्षों से अवैध रूप से क्लिनिक संचालित कर रहा था। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसकी क्लिनिक पर छापा मारा और बड़ी मात्रा में दवाएं जब्त कीं। जांच में पता चला कि न तो क्लिनिक का कोई रजिस्ट्रेशन था और न ही दवाओं के लिए कोई वैध लाइसेंस। पूरी खबर पढ़ें…