हिसार के सिल्वर अपार्टमेंट में आग के बाद परिवारों ने फ्लैट में रहना छोड़ दिया है।
हरियाणा के हिसार जिले में अर्बन एस्टेट के नजदीक सिल्वर अपार्टमेंट में आगजनी की बार-बार घटना से परिवार दहशत में हैं। यहां 25 फ्लैट हैं जिसमें 18 फ्लैट में परिवार रह रहे हैं। आगजनी की घटना के बाद 16 परिवारों ने फ्लैट छोड़ दिया है।
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अब यह परिवार डर के मारे अपने फ्लैट नहीं जा रहे हैं। परिवारों के मन में खौफ है कि अब भी कोई इनके वाहनों को आग लगा सकता है और रात के समय बिल्डिंग में कोई हादसा कर सकता है। वहीं दूसरी ओर फ्लैट में अब गार्ड की व्यवस्था कर दी गई है।
फ्लैट छोड़ने वाले परिवारों ने होटलों, रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। इसके अलावा कुछ परिवार दूसरी जगह परमानेंट शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि सिल्वर अपार्टमेंट में 3 दिन के अंदर आगजनी की दूसरी घटना हुई। पहले इस अपार्टमेंट के बाहर खड़े 14 वाहनों में किसी ने आग लगा दी। इसके बाद बुधवार सुबह करीब सवा 8 बजे अपार्टमेंट की बेसमेंट में खड़े वाहनों में किसी ने आग लगा दी थी।
सिल्वर अपार्टमेंट में 3 दिन के अंदर 2 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं।
पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल डीसी कालोनी में सिल्वर अपार्टमेंट में गत शनिवार अलसुबह वाहन खड़े 11 वाहनों में लगी आग की घटना के बाद पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अर्बन एस्टेट थाना पुलिस की तरफ से गली में लगे एक दो सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली और मामले में अपनी खानापूर्ति की। पुलिस सही तरीके से अपनी जांच का दायरा बढ़ाती तो शायद बुधवार सुबह दोबारा से अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़े पांच वाहनों में आग नहीं लगती।

बुधवार सुबह आगे के बाद दमकल विभाग ने पूरी बिल्डिंग को खाली करवा लिया था।
अपार्टमेंट में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैरान करने वाली बात ये भी है कि पहली हुई आगजनी की घटना के बाद अपार्टमेंट की देखरेख की तरफ से सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं और न ही कोई चौकीदार की व्यवस्था नहीं की गई। वहीं मौके पर पहुंची फोरेंसिक की टीम ने सैंपल लिए हैं। इनको जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। दोबारा हुई आगजनी की घटना के बाद हरकत में आया पुलिस विभाग आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रहा है।
शहर में 60 प्रतिशत से अधिक बिल्डिंगों के पास नहीं मिली फायर एनओसी शहर की अनुमानित करीब 60 प्रतिशत से अधिक भवन मालिकों के पास फायर एनओसी नहीं है। दमकल विभाग ने साल 2019 में जिला एक एक सर्वे करवाया था जिसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ था कि करीब 15 प्रतिशत बिल्डिंगें ही ऐसी मिली जिनके पास फायर एनओसी थी।
इसके बाद दमकल विभाग साल 2022 में फिर हरकत में आया। उस दौरान उन्होंने जो आंकड़ा जुटाया उसके अनुसार शहर के अधिकांश सरकारी स्कूल, कालेज व अस्पतालों के पास भी फायर एनओसी नहीं थी। उस समय शहर की बात करे तो 85 प्रतिशत भवन मालिकों के पास फायर एनओसी नहीं था। पूरे आंकड़े को आधार माना जाए तो अनुमानित करीब 60 प्रतिशत से अधिक भवन मालिकों के पास भी फायर एनओसी नहीं है।