बिजली केबल बदलने का कार्य करते श्रमिक।
चरखी दादरी जिले के गांव नीमली में जगमग योजना के तहत लगाए जाने वाला बिजली का सामान ठेकेदार द्वारा बेचने का मामला सामने आया है। संबंधित कंपनी ने ठेकेदार के खिलाफ दादरी एसपी को इसकी शिकायत दी थी जिसके आधार पर सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं
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पुलिस ने दर्ज किया केस चरखी दादरी एसपी को दी शिकायत में प्रकाश एंड कंपनी के मैनेजर अनिल शर्मा ने बताया था कि उनकी कंपनी ने दादरी जिले में जगमग योजना के तहत काम लिया हुआ था। इसके लिए उनकी कंपनी ने यूपी निवासी ठेकेदार को काम दिया था जो खुद की लेबर रखता था। उसने बताया कि कंपनी के स्टोर से नीमली गांव के लिए जो सामान उसे काम करने के लिए दिया गया था वो साइट पर न लगाकर दूसरी जगह बेच दिया जिसकी कीमत करीब 6 लाख रुपए है। उसने पुलिस को शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई करने व सामान वापिस दिलाने की मांग की थी। जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
बिजली केबल बदलने का कार्य करते श्रमिक।
2023 का है मामला: जांच अधिकारी दादरी सदर पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाली इमलोटा पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई संदीप कुमार ने बताया कि यह मामला 2023 का है। कंपनी मैनेजर ने ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दी थी जिसके बाद जांच की गई है। पुलिस ने अब केस दर्ज किया है और आगामी कार्रवाई की जा रही है।
केबल बिछाने का था काम जगमग योजना के तहत गांव नीमली में बिजली के पुराने तार उतारकर केबल बिछाने और बिजली पोल पर मीटर के लिए पिलर बॉक्स लगाने का काम करना था। उसी से संबंधित सामान कंपनी द्वारा ठेकेदार को दिया गया था।
आरोप गलत हैं :ठेकेदार यूपी निवासी ठेकेदार हुकुम सिंह ने कहा कि उस पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। उसने नीमली गांव में करीब 15 दिन तक काम किया। लेकिन संबंधित कंपनी द्वारा दूसरे लोकल ठेकेदारों को काम की बकाया राशि नहीं दिए जाने के कारण वे उसे धमकी दे रहे थे और उन्होंने उस कंपनी का काम बंद करवा दिया था। उसने बचा हुआ सामान गांव नीमली में ही रखा था और वहीं छोड़ दिया था। पुलिस ने भी मामले की जांच की थी और उसके खिलाफ इस प्रकार की कोई बात सामने नहीं आई थी।
बिजली केबल बदलने का कार्य करते श्रमिक।
कंपनी पर लगाए आरोप ठेकेदार ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने करीब 15 दिन तक काम किया लेकिन उसकी लेबर की दिहाड़ी नहीं दी गई। वहीं उसने वर्क ऑर्डर मांगा तो वो भी नहीं दिया गया। ठेकेदार का आरोप है कि उक्त कंपनी ने कई ठेकेदारों के साथ इसी प्रकार काम करवाकर रूपए नहीं दिए है। बाद में उल्टे ठेकेदारों पर आरोप लगाकर पुलिस को शिकायत देकर उन्हें दबाने का प्रयास किया जाता है। उसने कहा कि उसके कंपनी की ओर करीब एस से सवा लाख रुपए आज भी बकाया हैं।