मास्को/दमिश्क7 मिनट पहले
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सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल-असद गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। द टेलीग्राफ के मुताबिक, अस्मा को ब्लड कैंसर यानी ल्यूकेमिया है। डॉक्टरों ने उनके बचने की संभावना सिर्फ 50% बताई है।
ब्रिटिश मूल की अस्मा अल-असद को 2019 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था। इलाज के बाद उन्होंने खुद को कैंसर मुक्त घोषित किया था। फिलहाल, उन्हें आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है। अस्मा ने दिसंबर 2000 में असद से शादी की थी। अस्मा और असद के तीन बच्चे हैं, जिनके नाम हाफिज, जीन और करीम हैं।
अस्मा का जन्म 1975 में लंदन में सीरियाई माता-पिता के यहां हुआ था। उनके पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है।
अस्मा ने लंदन के किंग्स कॉलेज से कंप्यूटर साइंस और फ्रेंच लिटरेचर में डिग्री हासिल की है।
बशर अल-असद पर रूस में कड़े प्रतिबंध 2011 में सीरिया में शुरू हुए गृह युद्ध और विद्रोह के बाद हालात बिगड़ते गए। हाल ही में विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के 11 दिनों के हमले के बाद बशर अल-असद और उनका परिवार सीरिया छोड़कर रूस चला गया। अब वे मास्को में शरण लिए हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने असद को कड़ी शर्तों के साथ शरण दी है। वे मास्को से बाहर नहीं जा सकते और किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने पर प्रतिबंध है। इसके अलावा, उनकी संपत्तियां भी फ्रीज कर दी गई हैं।
असद के देश छोड़ने के बाद सीरियाई नागरिक उनके आवास में घुस गए और वहां रखा सामान लूट ले गए।
बशर और अस्मा के तलाक की अटकलें रिपोर्ट्स के अनुसार, अस्मा अल-असद खुश नहीं हैं और उन्होंने अपने बच्चों के साथ लंदन में बसने की इच्छा जताई है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्होंने बशर अल-असद से तलाक के लिए भी अर्जी दी है। साथ ही, रूस छोड़ने के लिए विशेष अनुमति मांगी है। यह मामला फिलहाल रूसी अधिकारियों के पास लंबित है। हालांकि, क्रेमलिन ने इन दावों को खारिज किया है। पूरी खबर पढ़ें…
अमेरिका ने सीरियाई विद्रोही जुलानी पर रखा इनाम हटाया अमेरिका ने सीरिया के विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम (HTS ) के नेता अबू मोहम्मद अल जुलानी पर रखे गए 10 मिलियन डॉलर (85 करोड़ रुपए) का इनाम हटा लिया है।
सीरिया में HTS नेताओं के साथ बैठक के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने यह फैसला लिया। अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री बारबरा लीफ ने कहा कि राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद यह फैसला किया गया है।
असद सरकार गिरने के बाद अमेरिका का एक दल सीरिया पहुंचा था। इसका नेतृत्व बारबरा लीफ कर रही थीं। अमेरिकी अधिकारियों ने 21 दिसंबर को सुबह HTS चीफ अबु जुलानी से भी मुलाकात की थी। बारबरा लीफ ने कहा कि HTS नेताओं संग बातचीत काफी अच्छी और सफल रही।
अमेरिका ने साल 2018 में HTS को एक ‘आतंकी’ संगठन घोषित किया था। इससे एक साल पहले अबू जुलानी पर इनाम रखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका HTS गुट को भी आतंकी संगठन की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है।
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