क्या नाग-नागिन की कहानियां सच होती है?, क्या नागिन की तलाश करते हुए नाग उसके पीछे-पीछे आता है। ये तमाम सवाल जबलपुर के उस परिवार के मन में उठ रहे है, जिसके घर में पहले नागिन और फिर नाग निकला।
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हालांकि समय रहते सर्प विशेषज्ञ ने दोनों नाग-नागिन को पकड़कर उन्हें बरगी के जंगल में छोड़ दिया। पर लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा है कि नागिन को तलाश करते हुए नाग यहां तक पहुंच गया।भेड़ाघाट स्थित एक किराना दुकान में शुक्रवार दोपहर तीन फीट की नागिन दिखी, उसके कुछ ही घंटों बाद उसी दुकान में 6 फीट का कोबरा नाग भी पहुंच गया।
सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे का कहना है कि गर्मी के समय ठंडा स्थान तलाश करते है सरीसृप।
चावल की बोरियों में छिपी थी नागिन
भेड़ाघाट के पास ग्राम मीरगंज में जीवन लाल साहू की किराना दुकान है। रोज की तरह शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे जब वह दुकान में काम कर रहे थे, उसी दौरान स्टोर रुम में चावल की बोरियों के बीच उन्हें कुछ हरकत होते हुए नजर आई। पास जाकर देखा तो पता चला कि एक तीन फीट की काली नागिन फन फैलाकर बैठी हुई है। नागिन देखते हुए जीवन लाल के होश उड़ गए, उन्होंने तुरंत गांव के सरपंच संजीव अहिरवार को सूचना दी। सरपंच ने तत्काल सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे को सूचना दी। मौके पर पहुंचकर उन्होंने नागिन का रेस्क्यू किया और फिर उसे ले जाकर जंगल में छोड़ दिया। माहौल सामान्य हो गया। जीवन अपने काम में लग गए।

शुक्रवार की दोपहर को किराना दुकान में छिपी नागिन का रेस्क्यू करते हुए सर्प विशेषज्ञ।
दिन में नागिन-रात को निकला नाग
शुक्रवार दोपहर गजेंद्र दुबे ने नागिन का रेस्क्यू किया और अपने घर चले गए। शुक्रवार रात करीब 10 बजे जीवन लाल साहू के बेटे दिलीप साहू ने फिर से गजेंद्र दुबे को काॅल किया और बताया कि दुकान में उसी जगह अब नाग घूम रहा है। सर्प विशेषज्ञ मीरगंज दुकान पहुंचे और देखा कि उसी जगह एक छह फीट का काला कोबरा नाग फन फैलाए यहां-वहां घूम रहा है। किसी को यह समझ नहीं आ रहा था कि जिस जगह दिन में नागिन थी, वहां पर रात को नाग कैसे पहुंच गया। लोगों के बीच इस बात की भी चर्चा थी कि नागिन को तलाश करते हुए ही नाग यहां तक पहुंच गया है। गजेंद्र दुबे ने सावधानीपूर्वक नाग को पकड़ा और उसी स्थान पर छोड़ दिया, जहां पर कि दिन में नागिन को छोड़ा गया था।

रात को उसी दुकान में निकला छह फीट का कोबरा नाग,जिसे गजेंद्र दुबे ने पकड़ा।
गर्मी से बचने ठंडे स्थान में रहते है सरीसृप
सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे के कहना है कि गांव में इस तरह को लोग बात कर रहे थे, कि नागिन की तलाश में उसे तालाश करते हुए नाग यहां तक पहुंच गया है, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि गर्मी के समय अक्सर सरीसृप ठंडे स्थान की तलाश में रहते है। जीवन लाल साहू की जिस जगह किराना दुकान है, उसके पीछे खेत लगा हुआ है, और वहां पर पानी भी भरा है। इसी वजह से नाग-नागिन वहां पर घूम रहे थे। बहरहाल दोनों को बरगी के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है।