पवन कुमार दिल्ली के वजीराबाद में रहते हैं। फैक्ट्री में काम करते थे। पूरे महीने काम नहीं मिलता था, इसलिए फूड डिलीवरी बॉय बन गए। दिनभर मेहनत करके 400 रुपए कमा पाते हैं। परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, इसलिए गुजारा मुश्किल हो जाता है। दिल्ली में चुना
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पवन जैसी ही परेशानी ऑटो चलाने वाले प्रेमचंद की है। दिनभर ऑटो चलाकर सिर्फ 500 से 600 रुपए कमा पाते हैं। प्रेमचंद कहते हैं, ‘केजरीवाल सरकार ने सड़कें उतनी अच्छी नहीं कीं, जितनी शीला दीक्षित की सरकार में थीं।’
पवन और प्रेमचंद भले रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए जूझ रहे हों, लेकिन वे उन लाखों लोगों में से हैं, जो न हों तो दिल्ली थम जाए।
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है। दैनिक भास्कर की सीरीज हम भी दिल्ली के 5वें एपिसोड में उन्हीं लोगों की बात जो दिल्ली को चलाते हैं। इनमें मजदूर, हाउस हेल्प, ऑटो ड्राइवर, गिग वर्कर और छोटे व्यापारी शामिल हैं। इन्हें मिला दिया जाए, तो दिल्ली के डेढ़ करोड़ वोटर्स में इनकी हिस्सेदारी करीब 40% हैं।
पवन कुमार, गिग वर्कर रोज 13 घंटे काम, कमाई सिर्फ 400 रुपए पवन कुमार 22 साल से दिल्ली में हैं। 2002 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आए थे। संगीत का शौक था, लेकिन पिता को ये पसंद नहीं था। वे पवन को लेकर दिल्ली आ गए। पवन अभी वजीराबाद में रहते हैं। ये एरिया मुस्तफाबाद सीट में आता है। AAP के हाजी यूनुस यहां से विधायक हैं। पवन किराए के एक कमरे वाले घर में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं।
वे कहते हैं, ‘इस रूम का किराया 2 हजार रुपए है, बिजली बिल अलग से। 200 यूनिट बिजली फ्री है, इसलिए अभी बिल नहीं देना पड़ता। पानी की सप्लाई का कनेक्शन नहीं है, टैंकर से भरकर लाना पड़ता है। पानी के लिए बहुत मारामारी है।’
काम के बारे में पूछने पर पवन बताते हैं, ‘पहले फैक्ट्री में काम करता था। वहां रोज काम नहीं मिलता था, इसलिए 2 साल पहले फूड डिलीवरी करने लगा। 12-13 घंटे लगातार काम करने के बाद मुश्किल से 400 रुपए की कमाई होती है।’
घर चलाने में कितनी दिक्कत आती हैं? ये सवाल सुनते ही पवन के चेहरे पर उदासी दिखने लगती है। वे कहते हैं, ‘बहुत दिक्कत होती है, लेकिन किससे कहें। आदमी पिसा चला जा रहा है। बच्चे कुछ मांगते हैं, तो उन्हें कैसे बताएं। सेविंग तो है नहीं, उल्टा कर्ज में जा रहे हैं।’
चुनाव और आम आदमी पार्टी की योजनाओं के सवाल पर पवन कहते हैं, ‘केजरीवाल ओवर कॉन्फिडेंट हो गए हैं। उन्हें लगता है कि बस्ती वाले उन्हें ही वोट देंगे। मुझे तो नहीं लगता कि कुछ बदला है।’
‘केजरीवाल सरकार ने पढ़ाई और हेल्थ सिस्टम पर जोर दिया। फिर भी पढ़ाई का लेवल उतना अच्छा नहीं है, जितना वे दावा करते हैं। मोहल्ला क्लिनिक बने हैं, लेकिन झुग्गी-झोपड़ियों की हालत जस की तस है। सरकारी स्कूलों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है।’

पार्टियों के मेनिफेस्टो में गिग वर्कर्स के लिए योजना नहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्टूबर, 2023 में ‘गिग वर्कर्स एसोसिएशन’ के मेंबर्स से मुलाकात की थी। उन्होंने डिलीवरी पार्टनर्स की सोशल सिक्योरिटी पर सरकारी योजना की मांग रखी थी।
जवाब में अरविंद केजरीवाल ने जल्द योजना बनाने की बात कही थी, लेकिन आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्टो में गिग वर्कर्स का जिक्र नहीं है। BJP और कांग्रेस ने भी अपने मेनिफेस्टो में उनके लिए कोई ऐलान नहीं किया है। अभी दिल्ली में कितने गिग वर्कर्स हैं, ये जानकारी नहीं है।

प्रेमचंद और मनोज कुमार, ऑटो ड्राइवर कमाई पहले से कम हुई, रिश्वतखोरी से नाराजगी दिल्ली के पंडित पंत मार्ग पर बस स्टैंड के पास हम प्रेमचंद से मिले। वे पालम में रहते हैं। 1994 से कनॉट प्लेस में ऑटो चला रहे हैं। उनका मानना है कि बाइक राइड एप आने के बाद से सवारियां कम हो गई हैं। कमाई आधी रह गई है।
प्रेमचंद कहते हैं, ‘दिन में 500 से 600 रुपए ही कमा पाता हूं। लॉकडाउन से पहले 800 से 1000 रुपए कमा लेता था। कई बार ऐसा होता है कि दिन भर में एक सवारी नहीं मिलती।’
हमने पूछा- आप 30 साल से दिल्ली को देख रहे हैं, यहां क्या बदलाव दिखता है? प्रेमचंद कहते हैं, ‘मैं पूरी दिल्ली घूमता हूं। शीला दीक्षित के वक्त बनी सड़कें ही अब तक चल रही हैं। कोई नई सड़क नहीं बनी।’
AAP सरकार का काम कैसा लगा? प्रेमचंद जवाब देते हैं, ‘हॉस्पिटल और स्कूल बढ़िया कर दिए हैं। मेरे दो बच्चे हैं। दोनों द्वारका के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। पहले डेस्क टूटे होते थे। बच्चे जमीन पर बैठते थे। अब स्कूल चमकने लगा है। डेस्क और कुर्सियां ठीक हो गई हैं। बिजली का बिल नहीं आता।’

हालांकि द्वारका में मिले मनोज कुमार, प्रेमचंद से अलग बात कहते हैं। मनोज कहते हैं, ‘अरविंद केजरीवाल सिर्फ वादा करते हैं। हकीकत में उन्होंने कुछ नहीं दिया। ऑटो ड्राइवर के लिए बैज और लाइसेंस बनवाने की प्रोसेस मुश्किल कर दी है। पुलिस हमें पकड़ लेती है। बिना रिश्वत के दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग में काम नहीं होता।’
मनोज आगे कहते हैं, ‘हम लोगों को BJP में स्कोप नजर आ रहा है। दिल्ली में 15 साल से BJP नहीं जीती है। उसे मौका मिलना चाहिए। यह भी सच है फ्लाईओवर और मेट्रो, सभी शीला दीक्षित की देन है। केजरीवाल ने उन्हीं के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया। अपना कोई नया काम नहीं किया।’
मनोज आगे कहते हैं, ‘केजरीवाल सरकार ने महिलाओं के लिए बसें फ्री कर दी हैं। अब महिलाएं ऑटो में नहीं बैठतीं। इससे हमारा नुकसान हुआ है।’

ऑटोवालों के लिए AAP के 5 वादे दिल्ली में करीब एक लाख ऑटो ड्राइवर हैं। विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले अरविंद केजरीवाल 10 दिसंबर को ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों से मिले थे। इस दौरान उन्होंने पांच गारंटी का ऐलान किया।
- 10 लाख रुपए तक का जीवन बीमा
- 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा
- बेटी की शादी के लिए 1 लाख रुपए की मदद
- साल में दो बार 2,500 रुपए वर्दी भत्ता
- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए फ्री कोचिंग
इसके अलावा सरकार ‘पूछो’ एप फिर से लॉन्च करेगी। इस एप से ऑटो बुक किए जा सकेंगे। उधर, BJP ने अपने संकल्प पत्र में ऑटो-टैक्सी वालों के लिए वेलफेयर बोर्ड बनाने की बात कही है। इसके तहत उन्हें 10 लाख रुपए का जीवन बीमा और 5 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा।

चिंता देवी, हाउस हेल्प केजरीवाल ने अच्छा काम किया, BJP ने कुछ नहीं कराया चिंता देवी 25 साल पहले बिहार के दरभंगा से दिल्ली आई थीं। परिवार में 6 लोग हैं। चिंता देवी रोज सुबह 6 बजे काम पर निकल जाती हैं। पश्चिम विहार के घरों में झाड़ू-पोछा और बर्तन साफ करने जाती हैं। महीने की कमाई 6 हजार रुपए है। बेटा सरकारी हॉस्पिटल में सफाई करता है। चिंता देवी पीरागढ़ी की छोटी सी झुग्गी में रहती हैं।
चिंता देवी बताती हैं, ‘यहां पानी और टॉयलेट की समस्या है। सड़कें नहीं हैं। झुग्गी तक आने का रास्ता नहीं है। एक मोहल्ला क्लिनिक है। वहां मुफ्त में इलाज हो जाता है, लेकिन क्लिनिक कभी खुलता है, कभी बंद रहता है। इसलिए प्राइवेट डॉक्टर को दिखाना पड़ता है।’
‘सरकारी टॉयलेट तक जाने का रास्ता खराब है। टॉयलेट की सफाई नहीं होती। हमारी गली में लाइट नहीं थी। 10 दिन पहले आम आदमी पार्टी के वर्कर आए थे। उन्होंने लाइट लगाई है। केजरीवाल ने कहा है महिलाओं को 2100 रुपए मिलेंगे। मेरा फॉर्म भरवाया है। एक कार्ड भी दिया है।’
चिंता देवी आगे कहती हैं, ‘केजरीवाल ने अच्छा काम किया है। बसों में फ्री आ-जा सकते हैं। बिजली फ्री है। हम बस चाहते हैं झुग्गी हट जाए। यहां कॉलोनी बनाकर हमें मकान मिल जाए।’

सभी पार्टियों का महिला वोटर्स और झुग्गी-बस्तियों पर फोकस दिल्ली के करीब 15 लाख वोटर झुग्गियों में रहते हैं। ये 20 सीटों पर फैसला करते हैं और आम आदमी पार्टी के कोर वोटर माने जाते हैं। 19 जनवरी को अरविंद केजरीवाल ने सफाई कर्मचारियों को घर देने वाली योजना का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के अंदर सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार मकान बनवाएगी। इन्हें आसान किश्तों पर खरीदा जा सकेगा। इस योजना की शुरुआत सफाई कर्मचारियों से होगी।’
AAP के अलावा BJP ने महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए और गरीब महिलाओं को सिलेंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी देने का वादा किया है। झुग्गी-झोपड़ियों में अटल कैंटीन योजना के तहत गरीबों को 5 रुपए में खाना दिया जाएगा।
पार्टी ने घरों में काम करने वाले माली और रसोइया जैसे कामगारों के लिए 10 लाख रुपए जीवन बीमा और 5 लाख रुपए दुर्घटना बीमा देने का वादा किया है। इनके लिए घरेलू सहायक कल्याण बोर्ड बनाने का वादा किया है।

राजकुमार, मजदूर केजरीवाल जेल में थे, इसलिए हमारे लिए काम नहीं कर पाए राजकुमार पिछले 40 साल से दिल्ली में हैं। पिता सरकारी नौकरी में थे। आरके पुरम में सरकारी क्वार्टर मिला हुआ था। पिता की मौत के बाद मकान छोड़ना पड़ा। कमाई का कोई जरिया नहीं था, इसलिए पेंटिंग का काम करने लगे। परिवार झुग्गी में रहता है। घर में छोटा भाई, बेटा, पत्नी और एक दिव्यांग बेटी है।
राजकुमार रोज सुबह 7 बजे मादीपुर लेबर चौक जाते हैं। हम उनसे यहीं मिले। पूछा- घर कैसे चलता है? राजकुमार बताते हैं, ‘पत्नी घरों में काम करती है। मुझे रोज काम नहीं मिलता। हम मिलाकर महीने में 4 हजार रुपए कमा पाते हैं। इससे खाने का खर्च भी नहीं निकलता।’
‘हमारा राशन कार्ड नहीं बना है। मैं अनपढ़ हूं। मैंने पार्टियों के कार्यकर्ताओं से बात की। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड पुराने एड्रेस का बना है, इसलिए राशन कार्ड नहीं बन पा रहा। मैं पहले नरेला रहता है। 4 साल पहले वहां से झुग्गी हटा दी गई। मेरे सब कागज उसमें खो गए।’
‘अभी मेरे पास कोई काम नहीं है। तेज हवा चलने या बारिश में ये झुग्गी टूटने लगती है। हम भीगते हुए रात गुजारते हैं। मेरे जैसे हजारों मजदूर हैं। मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। किसी और देश से नहीं आया हूं। मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है कि बेटी का इलाज करा सकूं।
‘बेटी 2 साल की थी, तभी उसका बायीं तरफ का शरीर पैरालाइज्ड हो गया। एक बार सरकारी अस्पताल में दिखाया था। तब से एक ही दवा खिला रहा हूं। मेरे पास इलाज तो छोड़िए, खाना खाने तक के पैसे नहीं होते। मोहल्ला क्लिनिक में सिर्फ खांसी-बुखार का इलाज होता है। बड़ी बीमारियों का इलाज करने से मना कर देते हैं। वहां एक्स-रे तक नहीं होता।’

करण सिंह, कारोबारी केजरीवाल के लोग करप्ट, उन्हें हटना चाहिए ओखला में हमें करण सिंह मिले। रेडीमेड गारमेंट का बिजनेस करते हैं। करण बताते हैं, ‘मैं सेल्स की नौकरी में था। कोविड के बाद मेरी नौकरी चली गई। 4 साल पहले कपड़ों का काम शुरू किया है। इस समय काम ठप पड़ा है।’
‘कोविड के बाद सरकार ने व्यापारियों के लिए कुछ नहीं किया। सरकारी बैंक से लोन लेने जाओ, तो उसका इंटरेस्ट रेट बहुत ज्यादा है। प्राइवेट बैंक से लोन लेने के बारे में सोच भी नहीं सकते। हमारा घर तक बिक जाएगा। केंद्र और दिल्ली की सरकार को कुछ करना चाहिए।’

2022 में अरविंद केजरीवाल ने ‘दिल्ली बाजार’ पोर्टल लॉन्च करने का ऐलान किया था। 10 हजार वेंडरों के साथ ये पोर्टल दिसंबर से शुरू होना था। अरविंद केजरीवाल ने तब कहा था कि इससे दिल्ली के सभी बाजार एक पोर्टल पर होंगे। हर व्यापारी और दुकानदार पोर्टल पर अपना प्रोडक्ट दिखा सकेगा। उनका सामान पूरी दुनिया में बिकेगा।
करण कहते हैं, ‘मुझे ऐसे किसी पोर्टल के बारे में नहीं पता। हमें केजरीवाल की किसी बात पर भरोसा नहीं है। वे सिर्फ बोलते हैं, करते कुछ नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली के लोगों को रोजगार देने के बजाय उन्हें बर्बाद कर दिया। सब कुछ फ्री कर दिया।’
‘हमारे नौकरशाह सबसे करप्ट हैं। दूसरे नंबर पर पुलिस है। हर विभाग में रिश्वत चलती है। MCD और पुलिस के लोग वसूली करते हैं। जो रिश्वत नहीं देता, उसे काम नहीं करने देते। दिल्ली में सब फ्री देने वाली नहीं, डेवलपमेंट की बात करने वाली पार्टी की सरकार आनी चाहिए।’

पॉलिटिकल पार्टियां क्या कह रहीं… AAP: सरकार हर तबके की मदद कर रही AAP के प्रवक्ता जय रौनक ठाकुर कहते हैं, ‘आम आदमी पार्टी की सरकार हर वर्ग का ध्यान रखती है। पॉल्यूशन की वजह से कंस्ट्रक्शन पर बैन लगा था, तब सरकार और कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड में रजिस्टर्ड मजदूरों को 8 हजार रुपए की मदद दी गई थी।’
9 दिसंबर को अरविंद केजरीवाल ने अपने घर पर ऑटो ड्राइवर्स की मीटिंग बुलाई थी। उन्होंने कहा था कि मैं ऑटो वाले भाइयों के साथ हूं। इस बार हमारे मेनिफेस्टो में ऑटो ड्राइवर्स के लिए 5 गारंटियों पर जोर दिया गया है।
BJP: AAP ने सिर्फ झूठे वादे किए BJP के महासचिव विष्णु मित्तल कहते हैं, ’11 साल बाद अरविंद केजरीवाल को ऑटो वालों की याद आई है। BJP अपने मेनिफेस्टो में कोई ऐसी बात नहीं करती, जो पूरा न कर सके।’
‘वे कह रहे हैं कि हम महिलाओं को 2100 रुपए देंगे। पंजाब में सरकार बनाए उन्हें दो साल हो गए। उन्होंने मेनिफेस्टो में कहा था कि महिलाओं को 1 हजार रुपए देंगे। किसी को नहीं दिए। BJP ने महाराष्ट्र मध्यप्रदेश या राजस्थान, हर जगह संकल्प पत्र के वादे पूरे किए हैं।’
कांग्रेस: मजदूरों-ऑटो ड्राइवर्स के लिए पैकेज लाएंगे शकूर बस्ती से कांग्रेस के कैंडिडेट सतीश लूथरा कहते हैं कि BJP और AAP ने गरीबों, मजदूरों और ऑटो ड्राइवर्स को बस जुमले दिए हैं। कुछ नहीं दिया उन्होंने। हमने लीडरशिप से बात की है। हम इनके लिए पैकेज लेकर आएंगे।
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