नई दिल्ली3 मिनट पहले
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दिल्ली LG ऑफिस के मुताबिक, यह बंगला मुख्यमंत्री का घर नहीं है और इसे किसी को भी आवंटित किया जा सकता है।
दिल्ली CM आवास को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। 9 अक्टूबर को PWD ने सिविल लाइंस में फ्लैगस्टाफ रोड पर बंगला नंबर 6 को सील कर दिया। इस बंगले में CM आतिशी 7 अक्टूबर को रहने आईं थीं। तीन दिन बाद उनसे बंगला खाली करा लिया गया।
दिल्ली LG ऑफिस के मुताबिक, यह बंगला मुख्यमंत्री का घर नहीं है और इसे किसी को भी आवंटित किया जा सकता है। आतिशी ने इस बंगले पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। यदि कोई हमारी संपत्ति पर अतिक्रमण करता है, तो मालिक कार्रवाई करने का हकदार है।
PWD ने आतिशी से घर की चाबियां लीं, AAP का आरोप- सामाना बाहर फेंका PWD के अधिकारी 9 अक्टूबर की सुबह 11-11:30 बजे सीएम आवास आए थे। उनके मुताबिक, घर का हैंडओवर करने में नियमों का पालन नहीं किया गया था। आतिशी के पास इस घर की चाबियां थीं, लेकिन उन्हें घर अलॉट किए जाने के आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिए गए थे। अधिकारियों ने दोपहर तक घर की चाबियां ले लीं।
इसे लेकर सीएम ऑफिस ने कहा, ‘इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को उसका घर खाली करने को कहा गया है। LG ने भाजपा के कहने पर जबरदस्ती CM आतिशी का सामान घर से बाहर निकाला। ये सीएम आवास किसी बड़े भाजपा नेता को दिए जाने की तैयारी की जा रही है। भाजपा 27 साल से दिल्ली में सरकार से बाहर है, अब वह सीएम आवास हथियाना चाहती है।’
PWD ने 6 अक्टूबर को CM ऑफिस को एक लेटर लिखकर कहा था कि केजरीवाल ने घर खाली करते समय जो चाबियां दी थीं, वे कुछ समय बाद वापस ले ली गईं। PWD ने घर का अलॉटमेंट करने के लिए चाबियां दिए जाने की बात कही।
विजिलेंस विभाग ने तीन अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस भेजा डायरेक्टर ऑफ विजिलेंस ने केजरीवाल के स्पेशल सेक्रेटरी समेत तीन अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस भेजा है। दो अन्य अधिकारी वे हैं जो केजरीवाल के सीएम रहते समय CM कैंप ऑफिस में तैनात थे। उनसे पूछा गया है कि साफ निर्देश दिए जाने के बाद भी उन्होंने सीएम आवास की चाबियां PWD को क्यों नहीं सौंपीं। इन अधिकारियों को सात दिन के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
भाजपा का आरोप- केजरीवाल के शीश महल में कई राज छुपे दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस मामले पर कहा, ‘अरविंद केजरीवाल का ‘शीश महल’ आखिरकार सील कर दिया गया है… उस बंगले में ऐसे कौन से राज छुपे हैं कि संबंधित विभाग को चाबी सौंपे बिना, आप फिर से बंगले में घुसने की कोशिश कर रहे थे?’
उन्होंने आगे कहा- ‘आपने दो छोटे ट्रकों में अपना सामान ले जाकर अच्छा ड्रामा किया। सब जानते हैं कि बंगला अभी भी आपके कब्जे में है। आपने जिस तरह से बंगला आतिशी को सौंपने की कोशिश की, वह असंवैधानिक था। आतिशी को पहले ही एक बंगला आवंटित किया जा चुका है, फिर वह आपका बंगला कैसे ले सकती हैं? उस बंगले में बहुत सारे राज छिपे हुए हैं।’
माता-पिता के साथ नए बंगले में शिफ्ट हुए केजरीवाल
सीएम हाउस से निकलते वक्त अरविंद केजरीवाल और पत्नी सुनीता। साथ में केजरीवाल के माता-पिता भी हैं।
अरविंद केजरीवाल 4 अक्टूबर की दोपहर लुटियंस दिल्ली में फिरोजशाह रोड पर बंगला नंबर-5 में शिफ्ट हो गए। यह बंगला पंजाब से AAP के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को दिया गया है।
केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल, माता-पिता और दोनों बच्चों के साथ शिफ्ट हुए हैं। अशोक मित्तल और उनकी पत्नी ने सभी का अपने घर में स्वागत किया। मित्तल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि केजरीवाल गेस्ट के तौर पर मेरे घर में शिफ्ट हुए हैं।
केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने CM आवास और सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने का ऐलान किया था। AAP ने कहा था कि केजरीवाल नया घर देख रहे हैं। वे ऐसी जगह ढूंढ रहे हैं, जहां रहने में कोई विवाद न हो।
AAP ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार से केजरीवाल को नेशनल पार्टी के प्रमुख के तौर पर आवास मुहैया कराने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया था।
केजरीवाल के CM आवास छोड़ने और नए घर में शिफ्ट होने की 7 फोटोज…
सीएम हाउस छोड़ते वक्त कर्मचारियों से मिलतीं सुनीता केजरीवाल।
अरविंद केजरीवाल सीएम हाउस के कर्मचारियों के गले लगे।
सीएम हाउस की चाबी सौंपतीं सुनीता केजरीवाल।
आज सुबह केजरीवाल का सामान AAP सांसद अशोक मित्तल के बंगले पर पहुंचाया गया।
मिनी ट्रकों से केजरीवाल का सामान CM आवास से उनके नए घर में पहुंचाया गया।
अशोक मित्तल और उनकी पत्नी ने केजरीवाल का अपने बंगले में स्वागत किया।
केजरीवाल परिवार के साथ पूजा के बाद अपने नए आवास में दाखिल हुए।
दिल्ली में CM खुद बंगला चुनते हैं, कोई आधिकारिक आवास नहीं दिल्ली में कोई आधिकारिक CM हाउस नहीं है। केजरीवाल से पहले जाे भी CM हुए, वे अलग-अलग बंगलों में रह चुके हैं। 1993 में मदनलाल खुराना को 33 शामनाथ मार्ग, उनके बाद साहिब सिंह वर्मा को 9 शामनाथ मार्ग और शीला दीक्षित को पहले एबी-17 मथुरा रोड और दूसरे कार्यकाल में 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाला बंगला आवंटित किया गया था।
दिल्ली में मुख्यमंत्री अपनी सहूलियत के हिसाब से बंगला चुनते हैं। CM पद से हटने के बाद उन्हें अपने पुश्तैनी, निजी या किराए का कोई मकान लेकर रहना पड़ता है। इसके लिए अलग से कोई आवास भत्ता भी नहीं दिया जाता है। आवास भत्ता प्रतिमाह दी जाने वाली कुल राशि में शामिल होता है।
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