नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
- कॉपी लिंक
दिल्ली विधानसभा चुनाव के ठीक पहले BJP नेता सुरेंद्र पाल सिंह 6 दिसंबर को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमाने लगा है। 10 साल से सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता विरोधी लहर की काट के तौर पर अपने 20 से 30 उन मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की रणनीति अपना रही है, जहां उनके खिलाफ जनता में नाराजगी है।
हालांकि, आप की यह रणनीति उस पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि तिमारपुर सीट से मौजूदा विधायक दिलीप पांडेय के टिकट कटने की आशंकाओं के चलते उनके समर्थकों ने बगावत के सुर छेड़ दिए हैं। तिमारपुर में मंडल से लेकर बूथ स्तर तक आप के 67 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सौंप दिया है।
आप कार्यकर्ता बोले- बिट्टू का समर्थन नहीं करेंगे हाल में भाजपा छोड़कर आप में आए सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू की तिमारपुर से टिकट की दावेदारी की संभावना पर उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी नए उम्मीदवार का कतई समर्थन नहीं करेंगे। संगठन के नाराज आप पदाधिकारियों ने शपथ लेकर कहा है कि अगर पार्टी तिमारपुर से किसी और उम्मीदवार को उतारती है तो हम चुनाव से पूरी तरह बाहर रहेंगे।
आप नेताओं ने कहा कि, अभी जिसे टिकट दिया गया है, हम उसके खिलाफ 3 चुनाव लड़ चुके हैं। हम उसे यहां से चुनाव नहीं लड़ा सकते। दिलीप पांडेय का टिकट क्यों काटा, इसकी वजह बताएं।
21 नवंबर को आप की पहली लिस्ट जारी हुई थी
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर 21 नवंबर को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। लिस्ट में 11 नाम हैं। इनमें से छह नेता ऐसे हैं, जो BJP या कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए हैं।
ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा ने हाल ही में BJP छोड़ी थी। वहीं जुबैर चौधरी, वीर सिंह धींगान और सुमेश शौकीन कांग्रेस से आप में आए हैं।
दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इलेक्शन कमीशन मौजूदा सदन के पांच साल के कार्यकाल के खत्म होने की तारीख से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराता है।
पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2020 में हुआ था, जिसमें आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 70 में से 62 सीटें जीती थीं। भारतीय जनता पार्टी सिर्फ 8 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।
दिल्ली सरकार में पिछले एक साल में 3 बड़ी हलचल…
केजरीवाल के जेल में 156 दिन, फिर रिहा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से बाहर आकर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया था।
शराब नीति केस में ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। बाद में 26 जून को CBI ने उन्हें जेल से हिरासत में लिया था। केजरीवाल ने करीब 156 दिन जेल में बिताए। फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उनके खिलाफ 2 जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को CBI केस में जमानत दी थी। वहीं, ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिल गई थी।
जेल से बाहर आकर CM पद से इस्तीफा जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर शाम को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद रहे थे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। इस बीच, दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र भी बुलाया था। सत्ता परिवर्तन पर भाजपा ने कहा कि मेकओवर से AAP के दाग नहीं छिपेंगे।
आतिशी ने दिल्ली की नई CM पद की शपथ ली
CM बनने के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए थे। यह तस्वीर 21 सितंबर की है।
आतिशी ने 21 सितंबर को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए। वे दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM हैं।
2012 में AAP बनी, 2023 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला अन्ना आंदोलन के बाद 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई। चुनाव आयोग से 10 अप्रैल 2023 को उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी का संगठन हरियाणा और गुजरात में भी मजबूत है। पार्टी के लोकसभा में तीन जबकि राज्यसभा में 10 सांसद हैं। देश के अन्य राज्यों में भी AAP का कैडर एक्टिव है।
आम आदमी पार्टी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल: कहा- ED-CBI के दबाव में AAP नहीं छोड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद कैलाश गहलोत 18 नवंबर को भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। पढ़ें पूरी खबर…