8 जून 2020, मुंबई के मलाड एरिया में रहने वाली दिशा सालियान के पास लंदन से उनकी दोस्त का फोन आया। दिशा उस वक्त रीजेंट गैलेक्सी बिल्डिंग के 14वें फ्लोर पर मंगेतर रोहन राय के फ्लैट में थीं। बात करते-करते दिशा अंदर वाले रूम में चली गईं। दोस्त से कहा कि म
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दिशा सालियान सेलेब्रिटी मैनेजर थीं। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रह चुकी थीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दिशा की मौत की वजह ऊंचाई से गिरने से लगी चोट को बताया गया। पुलिस ने सुसाइड मानकर जांच की और केस क्लोज कर दिया।
दिशा की मौत को आज 5 साल पूरे हो गए, लेकिन उनकी मौत पहेली बनी हुई है। दिशा के पिता सतीश सालियान का आरोप है कि उनकी बेटी का मर्डर हुआ है। मारने से पहले उससे गैंगरेप किया गया।
सतीश से पहले इसी तरह के आरोप महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नारायण राणे ने लगाए थे। तब सतीश सालियान ने उनके दावे को गलत बताया था। हालांकि बाद में वे कोर्ट गए और दिशा की मौत की जांच की मांग की। उन्होंने दिशा की मौत में शिवसेना (UBT) के लीडर आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोरिया के शामिल होने का आरोप लगाया है।
दिशा की मौत के 6 दिन बाद ही सुशांत सिंह राजपूत की डेडबॉडी उनके फ्लैट में मिली थी। हालांकि पुलिस के मुताबिक दोनों मौतों में कोई कनेक्शन नहीं मिला।
5 साल बाद कैसे सुसाइड की थ्योरी मर्डर और गैंगरेप की ओर मुड़ गई, ये केस कहां तक पहुंचा, पहले बेटी की मौत को सुसाइड बताने वाले सतीश सालियान क्यों इसे मर्डर बताने लगे और इसके पीछे उनकी दलीलें क्या हैं, ये जानने के लिए हमने उनसे बात की। केस अभी बॉम्बे हाईकोर्ट में है, इसलिए हम दिशा का केस लड़ रहे वकील नीलेश ओझा से भी मिले।
पिता बोले- वे मुझे जान से मार देंगे, लेकिन बेटी को इंसाफ दिलाऊंगा ‘अब मुझे डर नहीं लगता। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, वे मुझे जान से मार देंगे। मगर मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा। यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।’
5 साल से बेटी के लिए लड़ाई लड़ रहे सतीश सालियान की आवाज में भले थकान महसूस हो, लेकिन वे अब भी डटे हुए हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में दी शिकायत में उन्होंने शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे को दिशा की मौत का आरोपी बताया था।
एक्टर डिनो मोरिया, सूरज पंचोली, उनका बॉडीगार्ड, पुलिस अफसर रहे सचिन वाझे और एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के भी साजिश में शामिल होने का दावा किया।
हम सतीश सालियान से मिलने पहुंचे, तब वे अपने वकील से मिलकर लौटे थे। बातचीत शुरू हुई तो हमने पहला सवाल पूछा- पहले आप दिशा की मौत को सुसाइड बता रहे थे, फिर क्यों इसे गैंगरेप और मर्डर बताने लगे?
सतीश जवाब देते हैं, ‘बेटी के जाने के बाद 6 महीने मैं गहरे सदमे में था। कुछ सोच-समझ नहीं पा रहा था। उस वक्त जो बताया गया, मैंने उसे ही सही मान लिया। इसके अलावा कोई चारा भी नहीं था। वक्त बीतने के साथ, जब मीडिया और वकील से मिला, तब मेरे जेहन में सवाल उठने लगे। पहले जो बातें नॉर्मल लग रही थीं, वे संदिग्ध लगने लगीं।’

‘बेटी ने कभी आदित्य ठाकरे का जिक्र नहीं किया’ सतीश सालियान ने अपनी पिटीशन में आदित्य ठाकरे का नाम लिया है। हालांकि वे साफ कहते हैं कि मैंने खुद कुछ नहीं देखा। लोगों से जो पता चला, उसके आधार पर मुझे लगता है कि ये लोग शामिल हो सकते हैं। कोर्ट को कम से कम इनकी जांच करवानी चाहिए। सतीश आगे बताते हैं, ‘दिशा ने कभी आदित्य ठाकरे का जिक्र मुझसे नहीं किया। मैंने तो उसके मुंह से उसका नाम भी नहीं सुना।’
क्या शिवसेना (उद्धव गुट) की तरफ से कभी दबाव डालने की कोशिश की गई? सतीश न में जवाब देते हैं। हालांकि एक घटना जरूर बताते हैं। शुरुआती दिनों में दिशा से रेप जैसी खबरें चल रही थीं, तब कुछ लोग घर आए थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह की खबरें चल रही हैं, हम उसे रोकना चाहते हैं। उस समय मेरा दिमाग सुसाइड पर ही टिका था। इसलिए मैंने कहा कि मैं मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहता।
दरअसल, आदित्य की पार्टी की लीडर और मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर सतीश सालियान से मिली थीं।

पिता को मंगेतर रोहन के बयान पर शक दिशा सालियान मॉडल और एक्टर रोहन राय से शादी करने वाली थीं। दोनों 7 साल से रिश्ते में थे। 8 जून 2020 को दिशा की मौत हुई। इसके कुछ दिन बाद एक वीडियो सामने आया था। दावा किया गया कि ये वीडियो दिशा की मौत से एक घंटे पहले का है।
इसमें दिशा दोस्तों के साथ डांस करती नजर आ रही हैं। साथ में दिशा के मंगेतर रोहन भी हैं। दिशा ने ये वीडियो रात 11:48 बजे दोस्तों के वॉट्सएप ग्रुप में पोस्ट किया था। करीब एक घंटे के बाद उनकी डेडबॉडी मिली।
दिशा की मौत के दो साल बाद रोहन ने एक इंटरव्यू में इस पर बात की। उन्होंने बताया कि हम दोनों परिवार के साथ दादर में रह रहे थे। 4 जून को मैंने उससे कहा कि मलाड वाले अपार्टमेंट में चलते हैं। साथ में हमारे चार दोस्त भी थे। मैं एक दोस्त से फोन पर बात करने लगा और वो बेडरूम में चली गई।

वो काफी देर तक नहीं लौटी, तब हम उसे देखने गए। मैंने देखा कि रूम की खिड़की खुली है। नीचे देखने पर उसके कपड़े ग्राउंड पर दिखे। ये सब किसी बुरे सपने जैसा था।
हालांकि सतीश को रोहन राय बातों पर शक है। वे कहते हैं, ‘जिस तरह के खुलासे हुए हैं, उससे तो रोहन की बातें सच नहीं लगतीं। वो झूठ बोल रहे हैं।

वकील बोले- एक साल हो गए, हमारी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं हुई सतीश सालियान की ओर से वकील नीलेश ओझा दिशा की मौत का मामला हाईकोर्ट ले गए हैं। वे भी दिशा की मौत को गैंगरेप और मर्डर का केस मानते हैं। याचिका लगाने में देरी पर वे कहते हैं, ‘ढाई साल तक उन्हीं लोगों की सरकार थी, जिन पर आरोप हैं। तब भी BJP नेता नितेश राणे, नारायण राणे और मीडिया ने ये मुद्दा उठाया।’
‘सरकार बदलने के बाद 2022 में हमने याचिका दाखिल की। इसके बाद सरकार ने 11 दिसंबर 2023 को SIT बनाकर केस दोबारा खोला।’
नीलेश ओझा बताते हैं, ‘12 जनवरी, 2024 को इस मामले में लिखित शिकायत दी गई थी। इसमें आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली और अन्य लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया गया था। एक साल से ज्यादा वक्त बीत गया, लेकिन FIR दर्ज नहीं हुई।’
हमने उनसे पूछा कि इस केस से आदित्य ठाकरे का कनेक्शन कैसे जुड़ा? नीलेश बताते हैं कि एक अननोन गवाह है, जिसकी गवाही से आदित्य ठाकरे का केस में शामिल होने का पता चला है। उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है। इसके अलावा अफसरों ने पुष्टि की है कि आदित्य ठाकरे की मोबाइल टावर लोकेशन बिल्डिंग के आसपास मिली है। नार्कोटिक्स की जांच रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है।
‘पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट झूठी और पुलिस की कहानियां मनगढ़ंत’ नीलेश ओझा दिशा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को झूठा और मनगढ़ंत बताते है। वे दावा करते हैं कि इसे सबूत छिपाने के लिए तैयार किया गया था। उन्होंने फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. भूपेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि दिशा का सेक्शुअल हैरेसमेंट हुआ और फिर उसकी हत्या की गई। इस रिपोर्ट में लिखा है कि दिशा के शरीर पर चोट के निशान ऊंचाई से गिरने जैसे नहीं थे।
पिटीशन में पुलिस पर सुसाइड की झूठी कहानियां गढ़ने का भी आरोप है। दिशा के प्रोफेशन या पिता के फाइनेंशियल मसले से तनाव में होने की बातें सामने आई थीं। इनमें से कुछ कहानियां दिशा की मौत के काफी समय बाद सामने आईं।

दावा- केस से जुड़े 10 लोग मारे गए या लापता हुए सतीश सालियान ने अपनी याचिका में चश्मदीदों का भी जिक्र किया है। सुरक्षा कारणों से उनके नाम नहीं बताए गए हैं। वकील नीलेश ओझा दावा करते हैं कि केस से जुड़े 10 से ज्यादा लोग या तो मारे जा चुके हैं या लापता हैं।
यह भी कहा गया है कि आरोपी घटना के वक्त बिल्डिंग के पास मौजूद थे। ये पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। पुलिस पर आरोप है कि उसने आरोपियों के मोबाइल टावर लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड को सुरक्षित नहीं रखा। इसमें पुलिस के एक ACP स्टिंग ऑपरेशन का भी जिक्र है।
मुंबई पुलिस के ACP कदम का वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि दो हाई प्रोफाइल हत्याओं को दबा दिया गया और आत्महत्या कहा गया। पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह जहां जाते हैं, गुंडाराज चलाते हैं। झूठी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कैसे बनाई जाती है, यह उन्हें पता है। कदम का स्टिंग ऑपरेशन पूर्व ACP निपुंगे ने किया था।
‘आदित्य ठाकरे ने गलत लोकेशन बताई’ नीलेश ओझा आरोप लगाते हैं कि आदित्य ठाकरे ने 8 जून को कल्याण-डोंबिवली में होने का झूठा बयान दिया। याचिका में दावा किया गया है कि इस दिन उनकी मोबाइल टावर लोकेशन दिशा के फ्लैट के पास की है। इसमें शिवसेना-UBT के प्रवक्ता किशोर तिवारी के बयान का हवाला दिया गया कि आदित्य घटना वाली जगह पर थे।
रिया चक्रवर्ती को न जानने के उनके दावे को भी NCB की ओर से रिकवर फोन चैट्स के आधार पर झूठा बताया गया। इसमें आदित्य और रिया के बीच ‘AU’ नाम से सेव नंबर से 44 बार कॉल होने की बात कही गई है। ओझा कहते हैं कि इसका जिक्र तो शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने संसद में किया था।
नीलेश ओझा ने दिशा के मंगेतर रोहन राय पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिशा को 4 जून को फ्लैट पर लाने के तीन अलग-अलग कारण बताए। वे दावा करते हैं कि रोहन ने आदित्य ठाकरे के कहने पर मुंबई की मेयर रहीं किशोरी पेडनेकर के साथ मिलकर दिशा के पिता पर राणे परिवार के खिलाफ शिकायत पर साइन करने का दबाव डाला था।
आरोपियों के नार्को टेस्ट और केस दर्ज करने की मांग बॉम्बे हाईकोर्ट में सतीश सालियान ने 75 पन्नों का हलफनामा दायर किया है। इसमें आरोपियों के नार्को टेस्ट की मांग की गई है। पुलिस अधिकारियों पर भी आरोप हैं, इसलिए कमिश्नर को शिकायत देकर FIR दर्ज करने की गुजारिश की गई है। सतीश सालियान ने हलफनामे में यह भी लिखा है कि यदि मुझे कुछ हो जाता है तो इसे मेरा मृत्युपूर्व बयान माना जाए।
उनके वकील नीलेश ओझा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि गैंगरेप की शिकायत पर FIR दर्ज करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर संबंधित पुलिस अधिकारी को दो साल तक की जेल हो सकती है। नीलेश ओझा दावा करते हैं कि उनके पास आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए चश्मदीद और डिजिटल फुटप्रिंट्स सहित काफी सबूत हैं।
3 साल पहले नितेश राणे भी लगा चुके हैं ऐसे आरोप BJP लीडर और महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने 3 साल पहले दिशा से गैंगरेप के बाद हत्या का आरोप लगाया था। हालांकि तब दिशा के पेरेंट्स ने बेटी को बदनाम करने की साजिश बताते हुए नितेश पर ही केस दर्ज कराया था। अब 5 साल बाद दिशा के पिता का कहना है कि उन्हें पुलिस के पेश सबूतों को सच मानने के लिए मजबूर किया गया था।
राणे ने कहा था, ‘दिशा ने डायल 100 पर मदद मांगी थी और सब कुछ बताया था। पुलिस के पास जरूर जानकारी होगी क्योंकि यह रिकॉर्डेड कॉल था।’

दैनिक भास्कर ने आदित्य ठाकरे से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से जवाब नहीं आया। हमने अपने सवाल उन्हें मेल पर भेजे हैं। जवाब आने पर स्टोरी अपडेट की जाएगी।
हालांकि सतीश सालियान के बॉम्बे हाईकोर्ट जाने पर आदित्य ठाकरे ने मीडिया से कहा था कि ये मेरी छवि खराब करने के लिए है। पिछले 5 साल से यह मामला उठाया जा रहा है। अब केस अदालत में है, हम वहां अपना पक्ष रखेंगे।
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