प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल बिहार आ रहे हैं। सिवान में उनकी जनसभा है। इस दौरान वह बिहार को कई सौगातें भी देने वाले हैं।
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PM ऑनलाइन माध्यम से पटना के दीघा और कंकड़बाग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का उद्घाटन करेंगे। यह दोनों STP नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है।
दीघा STP राज्य का सबसे बड़ा STP होगा। इसकी वाटर ट्रीटमेंट कैपेसिटी 100 MLD है। यह STP सौर ऊर्जा से संचालित होगी। यहां पर दीघा से लेकर गोलघर तक के घरों के गंदे पानी को शुद्ध करके गंगा में भेजा जाएगा। इसमें कुर्जी नाला, राजापुर नाला और मंदिरी नाला प्रमुख है।
100 MLD है दीघा STP वाटर ट्रीटमेंट की कैपेसिटी।
गंगा में नहीं गिरेगी नालों से निकलने वाली गंदगी
पटना नगर निगम के नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि पटना गंगा के किनारे स्थित शहर है। यहां से नालों से निकलने वाली गंदगी सीधे गंगा नदी में न गिरे उसे ट्रीट करने की व्यवस्था STP के माध्यम से सुनिश्चित की गई है। फिर वो पानी शुद्धिकरण के बाद गंगा नदी में गिरेगी।
राजापुल में 40 MLD की क्षमता है। यहां आनंदपुरी नाला और बोरिंग कैनाल रोड का नाला आकर मिलता है। STP से निकलने वाले पानी की किस तरह से अलग तरीके से इस्तेमाल किया जा सके इसकी भी योजना बन रही है।

सौर ऊर्जा से संचालित होगी STP।
303 किलोमीटर Km है दीघा STP का सीवरेज नेटवर्क
दीघा क्षेत्र शहर के पश्चिमी भाग में स्थित है। दीघा STP का सीवरेज नेटवर्क 303 किलोमीटर है। इसे 254 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इस दीघा STP के अंतर्गत वार्ड नं. 1 से 9, वार्ड नं. 20 से 26 और 28 के लोगों को फायदा मिलेगा। इसमें नगर निगम क्षेत्र के कुल 3395.50 हेक्टेयर क्षेत्र के अलावा पाटलिपुत्र कॉलोनी और आस-पास का क्षेत्र भी शामिल है।
50 MLD है कंकड़बाग STP का वाटर ट्रीटमेंट कैपेसिटी
वहीं, कंकड़बाग STP में कंकड़बाग इलाके के घरों के गंदे जल को शुद्ध किया जाएगा। इसका सीवरेज नेटवर्क 150 किलोमीटर है। कंकड़बाग STP का वाटर ट्रीटमेंट कैपेसिटी 50 MLD है। इसे 135.75 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इस STP से वार्ड संख्या 29, 30, 31 से 35, 44 और 45 के लोगों को फायदा मिलेगा। इसमें नगर निगम क्षेत्र के कुल 886.50 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है।

254 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है STP।
फीकल कालीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा में आएगी गिरावट
इन दोनों STP के बनने के बाद पटना का गंदा पानी गंगा में गिरना लगभग बंद हो जाएगा और पटना में गंगा के पानी में बढ़ रहे फीकल कालीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा में काफी गिरावट आने की उम्मीद की जा रही है। राजधानी और आसपास के इलाकों में गंगा के पानी में फीकल कालीफार्म की मात्रा ज्यादा होने के कारण ही यहां का पानी न तो नहाने लायक है, न हीं पीने लायक।