अपने कार्यालय से पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की फोटो उतारते हुए जसपाल आंतिल।
हरियाणा के सोनीपत में सांसद दीपेंद्र हुड्डा के खास जसपाल आंतिल ने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को भेजा।
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आंतिल ने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा पर कई आरोप लगाए। उन्होने कहा कि पार्टी के लिए अपनी जमीन तक बेच दी, लेकिन अब धोखा मिला है। हुड्डा ने पहलवानों को अपनी राजनीति के लिए यूज किया है
आंतिल कांग्रेस में कई पदों पर रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस डेलीगेट थे। राई से टिकट न मिलने से तो वे नाराज थे ही साथ में अब चुनाव में भी पार्टी नेताओं द्वारा अलग-थलग छोड़ दिए गए।
जसपाल आंतिल का इस्तीफा…
जसपाल आंतिल खेवड़ा गांव के रहने वाले हैं और 2009 में कांग्रेस के साथ जुड़े थे। युवा कांग्रेस में सदस्यता अभियान की शुरुआत की और 2010 में उनको युवा कांग्रेस का राई का प्रधान बनाया गया।
2012 में युवा कांग्रेस के चुनाव में 40 हजार युवाओं को अपने साथ जोड़ा। इसके बाद उनको युवा कांग्रेस का सोनीपत लोकसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया। 2022 में राई विधानसभा क्षेत्र से 20 हजार 37 सदस्य जोड़कर कांग्रेस को मजबूती दी। उनको इसके बाद PCC डेलीगेट बनाया गया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए जसपाल आंतिल।
पार्टी छोड़ने के बाद आंतिल ने कहीं 5 बड़ी बातें…
1. 3 महीने पहले सक्रिय हुए नेता को टिकट दी जसपाल ने कहा कि वे कांग्रेस में 16 सालों से जी जान से सेवा कर रहे थे, लेकिन अब उनको पार्टी ने धोखा दिया। जिन नेताओं के लिए काम कर रहे थे, उन्होंने भी अकेला छोड़ दिया। कांग्रेस काे आगे बढ़ाने के लिए अपनी जमीन तक बेची दी, लेकिन टिकट उन लोगों को दी गई जो 3 महीने पहले सक्रिय हुए। उनकी वर्षों की मेहनत पर पानी फेर गए। उनको सबक मिला है कि वर्षों तक मेहनत करने वालों की कहीं पर पूछ नहीं है।
2. राजनीति चमकाने के लिए हुड्डा ने हर चीज का इस्तेमाल किया उन्होंने कहा कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हर चीज का इस्तेमाल किया है। चाहे आप सोनीपत की या रोहतक की राजनीति का इतिहास उठा लो, कितने लोगों को इन्होंने अपने लड़के की राजनीति के लिए रास्ते से हटा दिया है। पूरा राई क्षेत्र, पूरा सोनीपत जानता है कि दीपेंद्र हुड्डा सोनीपत के लिए निकलते थे तो जसपाल (उनको) को मैसेज आता था।
3. मेहनत के बाद पीठ में छुरा घोंपा आंतिल ने कहा कि 16 साल की मेहनत के बाद उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया है। टिकट कटने के बाद वे शांत होकर घर पर बैठे थे। जब कल यह पता लगा कि उनके खुद के गांव खेवड़ा में दीपेंद्र हुड्डा आ रहे हैं। उनसे यह भी नहीं पूछा गया कि आपके गांव में आ रहे हैं।
4. टिकट हाईकमान ने नहीं हुड्डा ने दी जसपाल ने कहा कि बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है, आप बस 3 महीने पहले आओ, वहां पर बड़ी डील करो और टिकट ले लो, और कहीं जाने की जरूरत नहीं है। बहुत सारी बातें चल रही थी। दीपेंद्र हुड्डा बार-बार बरगला देते थे कि टिकट हाईकमान देगा, लेकिन अब कल पूरे हलके को पता चल गया। दीपेंद्र खुद मैसेज देकर चले गए हैं कि टिकट मैंने दिया है। आप बरोदा की बात करो, वहां विश्वास घात हुआ। बात करो गन्नौर की, वहां देवेंद्र के साथ भी यही हुआ था। वह आज निर्दलीय घूम रहा है तो इन्हीं का घुमाया हुआ आदमी है।
5. पहलवानों को राजनीति में यूज किया जसपाल आंतिल ने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा ने पहलवानों को अपनी राजनीति के लिए यूज किया है। इन्होंने पहलवान ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति, जात बिरादरी को भी अपने लिए प्रयोग किया है। खेल की राजनीति की बात करें तो जब जंतर-मंतर पर हमारे पहलवान बैठे थे, हम भी गए थे। मीडिया व हरियाणा के लोग इसके पीछे भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा का हाथ बता रहे थे। इन्होंने विनेश फोगाट को टिकट देकर यह साबित कर दिया कि उन्होंने पहलवानों के जरिए राजनीति करनी है। जंतर-मंतर पर बैठे पहलवान इनकी राजनीति का हिस्सा थे। किसान आंदोलन में भी इन्होंने राजनीति की और हमें किसानों की मदद के संदेश भेजे।