राज्य सरकार ने लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए भिलाई के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला और दुर्ग के पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में ओएसटी सेंटर शुरू किया था। अब यह सेंटर नशेड़ियों का अड्डा बन गए हैं। दुर्ग पुलिस ने यहां से ओएसटी पाउडर लेकर
.
दुर्ग पुलिस की एसीसीयू यूनिट ने दुर्ग के पद्मनाभपुर थाना अंतर्गत संचालित ओएसटी सेंटर में छापेमारी की। पुलिस ने पाया कि सेंटर के पास ही कुछ लोग ओएसटी पाउडर का घोल तैयार कर उसे इंजेक्शन में पंप कर नशे के रूप में अपने शरीर में इंजेक्ट कर रहे हैं।
नशा केंद्र के पाउडर से कर रहे नशा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने बताया कि, उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग एविल इंजेक्शन और नशा मुक्ति केन्द्र में मिलने वाले ओएसटी पाउडर को मिलाकर इन्जेक्शन तैयार करते हैं। इसके बाद उसे सिरिंज के माध्यम से अपने शरीर में इंजेक्ट कर नए तरीके का बड़ा नशा कर रहे हैं।
इस पर उन्हें एक टीम को तैयार किया। टीम ने एविल इंजेक्शन और ओएसटी पावडर को मिलाकर इंजेक्शन के माध्यम से नशा करने वाले लोगों पर नजर रखी। पुलिस को पता चला कि पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के पास कुछ लोग यह नशा कर रहे हैं। पुलिस की टीम ने तुरंत वहां छापेमारी की।
इन लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने सुनील डेकाडे निवासी पद्मनाभपुर, जागेश्वर साहू निवासी कसारीडीह, रवि चौहान निवासी सिविल लाईन दुर्ग और सागर निवासी सुभाष नगर को नशा करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ओएसटी सेंटर से मिल जाता है नशीला पाउडर
जब पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि एविल इंजेक्शन तो उन्हें किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से मिल जाता है। ओएसटी सेंटर जाकर वो लोग अपने या अपने दोस्त के नाम से ओएसटी पाउडर इश्यू करवा लेते हैं। इसके बाद इससे नशा करते हैं। जबकि नियम यह है कि ओएसटी सेंटर में ओएसटी पाउडर को अपने सामने ही खिलाना है, ना कि उसे बाहर ले जाना है।
लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल बना नशेड़ियों का अड्डा
भिलाई में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में ओएसटी सेंटर संचालित है। इसे पावर हाउस में शिफ्ट करने आदेश भी हो चुका हैं, लेकिन संचालक वहां से उसे शिफ्ट नहीं कर रहा है। इसके चलते हालत यह हो गई है कि नशा करने वाले लड़के अस्पताल से यूज और अनयूज निडिल सिरिंज चोरी कर रहे हैं।
साथ ही नशे की हालत में मरीजों और नर्सों से हुज्जतबाजी करते हैं। सुपेला के डॉक्टरों ने इसको हटाने के लिए सीएमएचओ और कलेक्टर दुर्ग को भी पत्र लिखा है।