सोमवार को कार्रवाई करती जिला खनिज टॉस्क फोर्स की टीम ।
पुलिस व प्रशासन की टीम ने जिले में अवैध रेत खनन के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। इस कार्रवाई की स्क्रिप्ट रविवार देर रात लिखी गई। कलेक्टर और एसएसपी ने रात में जिला खनिज टास्क फोर्स की आपात बैठक बुलाई। अफसरों को साफ निर्देश दिए कि अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडा
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सुबह 5 बजे बुलाने के बाद बताया गया कि कौन अधिकारी किस टीम में रहेगा और क्या टारगेट होगा। सोमवार सुबह ऑपरेशन शुरू हुआ। महज कुछ घंटों में ही खनिज, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों की 70 टीमों ने जिले के 85 स्थानों पर छापेमारी कर पोकलेन, जेसीबी, हाइवा और ट्रैक्टर सहित 52 वाहनों को जब्त किया। जब्त किए गए अवैध रूप से डंप रेत की मात्रा इतनी अधिक थी कि उसका आकलन रात तक नहीं हो सका। राज्य शासन और हाई कोर्ट की नाराजगी झेल रहे प्रशासनिक अधिकारियों ने वह कर दिखाया जिसकी उम्मीद रेत माफिया नहीं कर रहे थे। कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह ने रविवार को जिला खनिज टास्क फोर्स की आपात बैठक बुलाई ।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण करने वालों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर एफआईआर दर्ज की जाए। इसके बाद सोमवार सुबह एसडीएम, एसडीओपी, सीएसपी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी और खनिज विभाग के अधिकारियों की 70 टीमों को जिले के 85 स्थानों पर रवाना किया गया।
प्रशासन से मिली खुली छूट का नतीजा यह रहा कि अधिकारी सुबह से शाम तक कार्रवाई में जुटे रहे। रेत माफिया को संभलने का मौका ही नहीं मिला। 13 स्थानों पर डंप हजारों घनमीटर रेत जब्त की गई। इसके अलावा 3 पोकलेन, 2 जेसीबी, 13 हाइवा और 34 ट्रैक्टर सहित कुल 52 वाहन पकड़े गए। 40 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिनके वाहन जब्त किए गए हैं, उनके खिलाफ जुर्माने की सूची तैयार की जा रही है।
जिला प्रशासन पहली बार रेत माफियाओं के खिलाफ पूरी तरह से एक्शन में नजर आया। दरअसल, रेत घाटों में हुई गोलीबारी, पत्रकारों को धमकी जैसी घटनाएं विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन गई थीं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर में बयान दिया था कि उनकी सरकार ने रेत के लिए नियम बनाए, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार में रेत के लिए फायरिंग हो रही है। गरियाबंद रेत घाट में पत्रकारों को धमकाने की घटना और 11 जून को राजनांदगांव जिले के मोहड़ रेत खदान में हुई गोलीकांड की घटना से सरकार पर चौतरफा दबाव था।
खनिज अधिकारी प्रवीण चंद्राकर को निलंबित कर प्रदेश के सभी खनिज अधिकारियों को चेतावनी दी गई। लेकिन जब अवैध उत्खनन बंद नहीं हुआ तो कलेक्टरों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। बिलासपुर में कार्रवाई का दबाव इसलिए भी अधिक था क्योंकि लमेर घाट में पिस्टल चलने की घटना पहले ही सामने आ चुकी थी।
- बेलगहना क्षेत्र से एक जेसीबी और एक चेन माउंटेन को जब्त किया गया।
- पचपेड़ी क्षेत्र से 2 पोकलेन पकड़ी गईं। जब्त वाहन संबंधित थानों में रखवाए गए हैं।
- सरकंडा थाना क्षेत्र: 25 हाइवा
- सिविल लाइन क्षेत्र: तीन अलग-अलग स्थानों से 31 हाइवा
- कोटा क्षेत्र: दो जगहों पर डंप रेत
- मस्तूरी क्षेत्र: तीन स्थानों पर डंप रेत
- हिर्री क्षेत्र: 5 स्थानों पर कुल 450 ट्रैक्टर रेत जब्त
- कोनी क्षेत्र: चार जगहों से डंप रेत के प्रकरण
- कोटा अनुविभाग: 21 ट्रैक्टर, एक जेसीबी, एक पोकलेन जब्त
- ग्राम बड़े बरन: 20 ट्रैक्टर रेत डंप
- ग्राम मोहदा, बिल्हा: रेत परिवहन करते दो ट्रैक्टर पकड़े गए
- निषाद ट्रेडर्स: 60 ट्रैक्टर रेत जब्त
- ग्राम अटर्रा: 450 ट्रैक्टर रेत का भंडारण हिर्री
- माइंस के पास और पिरैया: एक और तीन ट्रैक्टर रेत पकड़े गए
- तखतपुर के खटोलिया और सफरी भाठा: 1050 ट्रैक्टर रेत जब्त
- ग्राम बीजा: बिना अनुमति शासकीय भूमि से मुरूम उत्खनन करते एक जेसीबी और एक ट्रैक्टर जब्त
- पचपेड़ी क्षेत्र (मस्तूरी): दो चेन माउंटेन, सात हाइवा और चार ट्रैक्टर जब्त
- ग्राम लोफंदी: डंप 24 ट्रैक्टर रेत जब्त जब्त की गई रेत को पंचायतों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है।