देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है। पैसे कमाने के कई जरिए हैं, लेकिन अग्निवीर से देश की रक्षा करने का मौका मिलता है। जो कुछ कर नही पाते वहीं, इस योजना को बेकार कहते हैं। मेरा मानना है कि ये बेहद अच्छी योजना है।
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ये कहना है गोंडा के करनैलगंज से लखनऊ के अग्निवीर भर्ती में शामिल होने आए शिवाकांत पांडे का। उनके परिवार में अब तक कोई भारतीय सेना में नहीं गया है। वह अग्निवीर के जरिए भारतीय सेना का हिस्सा बनकर देश की रक्षा करने के लिए आतुर है।
कैंपस@सीरीज के 90वें एपिसोड में लखनऊ में अग्निवीर भर्ती की रैली में पहुंचे अभ्यर्थियों से खास बातचीत..
कई जगह नौकरी में मिलता है वेटेज
गोंडा से आए विकास मौर्य ने कहा-अग्निवीर कोई गलत योजना नहीं है। महज 17 से 21 साल की उम्र के बीच यदि सेना में सेवा का मौका मिलता है तो ये गौरव का क्षण है। इसके बाद आपको कई जगह भर्ती में वेटेज है। ऐसे में ये योजना कई मायनों में फायदेमंद है।
कम उम्र में सेना में नौकरी पाना गर्व का पल
गोंडा से आए उमेश कुमार ने कहा- अग्निवीर युवाओं की योजना है। देश में बेरोजगारी बेहद जाता है। ऐसे में युवाओं के लिए ये सुअवसर जैसी है। कम उम्र में सेना में नौकरी मिल जाए इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता।
हर घर से सेना में जाने मिल रहा अवसर
इस योजना के जरिए सरकार हर घर से एक व्यक्ति को सेना में भेजना चाह रही है। जो सेना में जाने का सपना देखते है, उनका सपना साकार हो सकता है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि अग्निवीर योजना में कहीं कोई बुराई नहीं है।
अनुज कुमार मिश्रा ने कहा- मेरे बाबा सेना में थे। उनसे मैंने प्रेरणा ली। बचपन से ही मैं सेना में भर्ती होना चाहता था। साल भर से अग्निवीर के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहा हूं। पहले रिटन परीक्षा को क्वालीफाई किया है। अब फिजिकल देने के लिए पहुंचा हूं।