छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो’ में शामिल हुए। इस मीट का आयोजन अमदाबाद में किया गया था। PM मोदी ने इस कार्यक्रम में देश में 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूए
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इस मीट में CM साय ने वर्चुल हेडसेट पहना। इसके जरिए उन्होंने कुछ कंपनियों के प्रेजेंटेशन देखे। एक प्रदर्शनी में शामिल होते हुए उन्होंने चरखा भी चलाया। देश दूसरे प्रदेशों के CM भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में किए जा रहे कामों के बारे में देश को बताया।
CM साय ने मंच से देश को छत्तीसगढृ के बारे में बताया।
ग्रीन एनर्जी में छत्तीसगढ़ के काम मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सोलर एनर्जी, हायडल एनर्जी, बायोगैस से बिजली के उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में बिजली की खपत 5500 मेगावाट है। प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बिजली का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी के स्त्रोतों से किया जा रहा है। इसे आने वाले समय में 45 प्रतिशत तक बढ़ाने का हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ढाई हजार से ज्यादा शासकीय भवन, आश्रम छात्रावास और स्वास्थ्य केंद्र सौर ऊर्जा से रोशन हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रेडा को वर्ष 2018 में सराहा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ की गई पीएम सूर्यघर योजना से देश का आम आदमी अब बिजली खरीदने वाला नहीं, बिजली बेचने वाला बन जाएगा। शहरी क्षेत्रों में वार्डवार शिविर लगाकर लोगों को इस योजना के संबंध में जागरूक किया जा रहा है और मौके पर ही फार्म भराए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से भिलाई के बीच चरौदा में रेलवे की जमीन पर सोलर प्लांट लगाया गया है। इस सोलर प्लांट से रायपुर और दुर्ग की लोकल ट्रेन चल रही हैं। इसी तरह बलरामपुर जिले के तातापानी में गर्म जल के प्राकृतिक कुंड हैं। यहां 100 किलो वाट का भूतापीय विद्युत संयंत्र लगाने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में खेती-किसानी में भी सिंचाई के लिए सौर सिंचाई पंपों का उपयोग किया जा रहा है। क्रेडा द्वारा किसानों के खेतों में डेढ़ लाख से ज्यादा सोलर सिंचाई पंप स्थापित किए गए हैं। इसी तरह प्रदेश में सोलर पंप के माध्यम से 230 सौर सामुदायिक सिंचाई संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में लगभग 25 हजार सोलर पेयजल पंप स्थापित किये जा चुके हैं। इनसे साढ़े छह लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छोटे-छोटे लघु जल विद्युत संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं, इनसे 75 मेगावाट ऊर्जा मिल रही है। प्रदेश में 37 लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ भी प्रमुख भूमिका निभाएगा।