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देश में कोरोना के 2390 एक्टिव केस, 16 मौतें: मैसूर में 63 साल के बुजुर्ग की मौत; केरल-महाराष्ट्र में 60 फीसदी मामले


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2 मिनट पहले

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जम्मू के एक स्कूल में मास्क पहनकर मॉर्निंग प्रेयर करते बच्चे। कर्नाटक में रायचूर के रिम्स हॉस्पिटल में कोविड वार्ड बनाया गया है।

देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 2390 पहुंच गई है। केरल में सबसे ज्यादा 727 मामले हैं। महाराष्ट्र एक्टिव केसेज के मामले में दूसरे नंबर पर है। शुक्रवार को राज्य में 84 नए केस सामने आए, यहां अब 681 मरीज हैं। देश के 60 फीसदी एक्टिव केस इन्हीं दो राज्यों में हैं।

कर्नाटक के मैसूर में शुक्रवार को 63 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। राज्य में कोरोना से यह तीसरी मौत है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुल 13 मरीजों की मौत हो चुकी है। कुल मृतक की संख्या 16 पहुंच गई है।

गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को एक दिन के नवजात की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चे को ICU में रखा गया है। पिछले सप्ताह बच्चे की मां भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, हालांकि अब उनकी रिपोर्ट निगेटिव है। मेघालय में 7 महीने बाद कोविड के 2 मिले हैं।

मिजोरम में 7 महीने बाद कोविड का पहला केस मिला मिजोरम में 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस तरह का आखिरी मामला सामने आने के 7 महीने बाद कोविड के केस मिले। मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे।

उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से न घबराने की बात कही है।

IDSP ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने, नियमित रूप से हाथ धोने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है।

महाराष्ट्र में 9 हजार से ज्यादा कोविड टेस्ट महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि शुक्रवार को कोविड के 84 नए मामले सामने आए। जबकि मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक कुल 681 केस मिले हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 9592 कोविड-19 टेस्ट किए गए।

वहीं, जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे। दोनों मरीज केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से 14 मई को बंद कर दिया गया था। इसे 29 मई को कोविड प्रोटोकॉल के साथ खोल दिया गया।

उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से 14 मई को बंद कर दिया गया था। इसे 29 मई को कोविड प्रोटोकॉल के साथ खोल दिया गया।

6 राज्यों में अब तक 16 की मौत

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​ JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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