देश में पहली बार चीतों की इंटर स्टेट शिफ्टिंग की जाएगी, यानी एक राज्य के भीतर ही चीतों को एक जगह से दूसरी जगह छोड़ा जाएगा। रविवार सुबह श्योपुर जिले की कूनो सैंक्चुरी से मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शाम 4 बजे दो नर ची
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चीतों के लिए तैयार किया 89 सौ हेक्टेयर का एरिया मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। विभाग ने 8 से 10 चीतों के लिए बसने की व्यवस्था वर्तमान में की है। धीरे-धीरे एक बड़ा कुनबा चीतों का गांधी सागर अभयारण्य में बसाया जाएगा। चीतों के भोजन के लिए अभयारण्य में 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं। इसके अलावा यहां पहले से ही हिरणों की अच्छी संख्या है।
सीएम रविवार शाम को दोनों चीतों को गांधीसागर अभयारण्य में छोड़ेंगे।
गांधी सागर के 90 चीता मित्र कूनो में हो चुके ट्रेंड गांधी सागर के रेंजर अंकित सोनी बताते हैं कि 40 प्रशिक्षित स्टाफ चीतों की देखरेख करेगा, जिनका प्रशिक्षण कूनो सैंक्चुरी में पूरा हो चुका है। 90 चीता मित्र सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं। विशेष व्यवस्थाओं में वन विभाग ने 16 किलोमीटर में एक परिक्षेत्र बनाया है, जिसमें इन्हें सुरक्षित रखा जाएगा। चीतों के लिए पानी की विशेष व्यवस्था की गई है। सैंक्चुरी एरिया में तालाब बनाए गए हैं।
मंदसौर के डीएफओ संजय रायखरे ने बताया कि गांधी सागर संसदीय क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। चीतों की आमद से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। वन विभाग और प्रशासन ने कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

गांधीसागर अभयारण्य में चीतों के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
3 बाडे़ बनाए गए 34 किलोमीटर चीता प्रोजेक्ट में तीन बाड़े बनाए गए हैं, जिसमें 16 किलोमीटर की परिधि में एक विशेष बाड़ा बनाया गया है, जहां चीतों को रखा जाएगा। चीतों के स्वागत के लिए वन अमले से लेकर स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि उत्साहित हैं। गर्मी को देखते हुए पानी की विशेष व्यवस्था की गई है। चीतों के भोजन पानी की व्यवस्थाएं करने 2 साल से तैयारियां चल रही थीं।
अब जानिए कूनो में क्या है तैयारी श्योपुर जिले के कूनो सैंक्चुरी से दो एयर कंडीशन व्हीकल्स में दोनों चीतों को लेकर सीसीएफ और डॉक्टरों की टीम रविवार सुबह 8 बजे रवाना होगी। शाम करीब 4 बजे तक गांधी सागर पहुंचेंगे। चीतों की शिफ्टिंग को लेकर कूनो नेशनल पार्क से ये चीते रविवार सुबह 8 बजे निकलेंगे। चीतों की देखरेख के लिए सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा, डॉक्टर ओंकार अचल सहित 20 लोगों की टीम उनके साथ जाएगी। जो गांधीसागर बांध में करीब 7 दिन तक रुककर वहां इन चीतों की देखरेख करेगी और गांधीसागर के स्टाफ को चीतों की देखरेख के गुर सिखाएगी।

कूनो नेशनल पार्क से चीतों की शिफ्टिंग को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
पिंजरे और वाहन को किया सैनिटाइज कूनो नेशनल पार्क से चीतों को जिन दो वाहनों में ले जाया जाएगा, उनको सैनिटाइज कर दिया गया है। इसके साथ ही पिंजरों को भी तैयार कर लिया गया है। चीतों को सुबह पिंजरों में बंद किया जाएगा। दक्षिण अफ्रीका से जिन पिंजरों में चीतों को लाया गया था, उन्हीं के जरिए इन्हें गांधीसागर ले जाया जाएगा।
सड़क मार्ग से जाएंगे चीते, पहुंचने में लगेंगे 8 घंटे कूनो नेशनल पार्क से जिन दो चीतों को भेजा जाएगा, उन्हें सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा के अनुसार बाय-रोड भेजा जाएगा। इन्हें पहुंचने में 8 घंटे तक लगेंगे, इसीलिए उनके साथ इमरजेंसी सुविधाओं वाले वाहन और टीम भी रहेगी। चीते बिना रुके सफर करते हुए गांधी सागर नेशनल पार्क पहुंचेंगे। यहां इन्हें 6 वर्ग किमी के बाड़े में छोड़ा जाएगा।

गांधी सागर सैंक्चुरी में चीतों के लिए पानी के छोटे से टैंक बनाए गए हैं।
दो साल से बाड़े में हैं, दोनों चीते बताना होगा कि जिन दोनों चीतों को कूनो नेशनल पार्क से गांधी सागर ले जाया जा रहा है, वह दोनों 2023 से बाड़े में बंद हैं। उन्हें जुलाई 2023 में पकड़ कर बाड़े में बंद कर दिया गया था, क्योंकि तत्समय चीतों की गर्दन में इंफेक्शन होने से कुछ चीतों की मौत हो गई थी।
अब कूनो में रह जाएंगे 24 चीते इन दोनों चीतों के कूनो नेशनल पार्क से जाने के बाद यहां की धरती पर 24 चीते रह जाएंगे, जिनमें 13 भारतीय चीते शामिल हैं, जबकि 11 विदेशी चीते शामिल हैं। इन 24 में से 17 फिलहाल कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में दौड़ लगा रहे हैं।
- प्रभास – पावक नर चीते
- उम्र – लगभग 6 वर्ष, वॉटरबर्ग बायोस्फीयर रिजर्व अफ्रीका से।
- 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए
- दो अलग-अलग एयर कूल्ड वाहन से जाएंगे।
- सीसीएफ उत्तम शर्मा के साथ कूनो नेशनल पार्क के डॉक्टर्स की टीम जाएगी।
- इमरजेंसी सुविधाओं के साथ टीम रहेगी।
- करीब 5 गाड़ी में 10 लोगों का स्टाफ जाएगा।
- चीते दोपहर 12 बजे तक गांधीसागर पहुंचेंगे।
- डॉक्टर्स की टीम में ओंकार अचल मुख्य रूप से शामिल रहेंगे, जो यहां भी चीतों की देखरेख करते रहे हैं।