आज का दिन बेहद खास है। दोपहर में कुछ ऐसे पल आएंगे जब आपकी परछाई पूरी तरह ‘गायब’ हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को जीरो शैडो डे कहा जाता है, जो साल में दो बार दिखाई देती है। 14 जून को राजधानी भोपाल में यह दृश्य देखने को मिलेगा। नेशनल अवॉर्ड विजेता विज्ञान प
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दोपहर 12:20 पर उसकी छाया को ध्यान से देखें। AI जनरेटेड इमेज
सारिका ने बताया कि पृथ्वी के झुकाव और सूर्य की परिक्रमा के कारण वर्ष में दो बार सूर्य किसी स्थान के ठीक ऊपर आता है। यह घटना केवल उन्हीं स्थानों पर होती है जो कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित हैं। जब सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है, तब छाया व्यक्ति या वस्तु के नीचे सिमट जाती है और कुछ पलों के लिए दिखाई देना बंद हो जाती है। यह कोई जादू नहीं, बल्कि प्रकृति का विज्ञान है। दोपहर में अपने चारों तरफ देखिए जब ऊंची इमारतों, टावर या आपकी खुद की परछाई कुछ क्षणों के लिए लुप्त हो जाए तो समझिए, तो यही जीरो शैडो डे है।
सारिका ने बताया कि चूंकि भोपाल शहर उत्तर से दक्षिण की दिशा में फैला है, इसलिए यह खगोलीय घटना हर क्षेत्र में अलग-अलग समय पर घटती है। 13 जून को यह दृश्य शहर के दक्षिणी हिस्से में देखा गया, और आज 14 जून को उत्तरी हिस्सों में दिखेगा। अगली बार यह स्थिति 28 जून को दोबारा बनेगी, जब सूर्य वापसी यात्रा में फिर इसी स्थिति में आएगा।

विज्ञान संचारिका सारिका ने दी जानकारी।
कैसे करें अनुभव:
- जमीन में एक सीधी छड़ (जैसे स्टील रॉड या लकड़ी की डंडी) गाड़ें
- दोपहर 12:20 पर उसकी छाया को ध्यान से देखें
- छाया पूरी तरह उसके आधार में समा जाएगी और 1 से 2 मिनट के लिए अदृश्य सी लगने लगेगी
- यह अनुभव दोपहर 12 बजे से पहले शुरू कर लें ताकि पूरी प्रक्रिया देख सकें