ओलावृष्टि और तेज बारिश ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
झारखंड के विभिन्न हिस्सों में बीते दो दिनों में हुए मौसम बदलाव ने जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं दूसरी ओर इसने कुछ नुकसान भी पहुंचाए हैं। बुधवार और गुरुवार को आकाशीय बिजली गिरने से 8 लोगों की जान चली गई। वहीं, ओलावृष्टि और तेज बारिश ने फस
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आम के टिकोले पेड़ से झड़कर गिर गए। लीची के मंजर भी प्रभावित हुए हैं। वहीं, तैयार गेहूं की फसल पर खराब होने का खतरा मंडराने लगा है।
तेज बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आम के टिकोले पेड़ से झड़कर गिर गए।
बारिश में कच्चे आम पर खासा प्रभाव पड़ा
बे-मौसम हुई इस बरसात ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। भारी मात्रा में ओलावृष्टि के साथ हुए बरसात ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। कोडरमा के जयनगर कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के वरीय वैज्ञानिक अजय कुमार रॉय ने बताया कि चूंकि अभी आम का मौसम आ रहा है, ऐसे में इस ओलावृष्टि के साथ हुए बारिश में कच्चे आम पर खासा प्रभाव पड़ा है।
कच्चे आम पेड़ों से टूटकर गिर गए हैं। बारिश के दौरान तेज हवा से आम के पेड़ में लगे मंजर और टिकोले झड़ने की जानकारी कई इलाकों से मिली है। मौसम विभाग द्वारा कुछ दिन और बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। इससे और अधिक नुकसान हो सकता है।

किसानों ने गेहूं की फसल की कटाई कर खेतों में ही रखा है या जिनकी अभी कटाई नहीं हुई है, उनके पूरी तरह से नष्ट होने की आसार बन गए हैं।
खेत में रखे कटी गेंहू की फसल पर ज्यादा खतरा
अजय कुमार रॉय ने बताया कि गर्मियों में मिलने वाले लीची के पेड़ में भी मंजर और कुछ पेड़ में फल लग चुके थे। बारिश से मंजर झड़ने से लीची के उत्पादन पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।
वहीं, उन्होंने कहा कि गेहूं के फसल पर इसका खासा प्रभाव पड़ा है। जो गेहूं तैयार हो गए हैं, वे नमी के कारण खराब हो सकते हैं। जबकि जिन किसानों ने गेहूं की फसल की कटाई कर खेतों में ही रखा है या जिनकी अभी कटाई नहीं हुई है, उनके पूरी तरह से नष्ट होने के आसार बन गए हैं।

हजारीबाग के दारू में गुरुवार को भारी ओलावृष्टि से सड़कें सफेद हो गईं।
इन उपायों से फसलों को बचा सकते हैं
इधर, कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि बारिश में यदि गेहूं की फसल भींग गई है तो उसे खुले स्थान पर फैलाकर सूखने के लिए छोड़ दें। नमी से बचने के लिए भंडारण की बेहतर विधि का पालन करते हुए भंडारण वाली जगह को मिट्टी से अच्छी तरह से लेप कर नमी से अनाज को बचाएं। इससे नुकसान होने की संभावना कम हो जाती है।