धनबाद, 27 मार्च 2025:धनबाद जिले में गर्मी के मौसम में जल संकट की संभावना को लेकर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा ने गुरुवार को समाहरणालय सभागार में नगर निगम क्षेत्र में चल रही जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में काम में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए।श्री राम ईपीसी कंपनी द्वारा जलापूर्ति योजना में भारी देरी पर नाराजगी जताते हुए उपायुक्त ने जुडको को निर्देश दिया कि कंपनी के शीर्ष अधिकारी पर नामजद एफआईआर दर्ज की जाए, जबकि एल एंड टी को शो-कॉज नोटिस जारी कर ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
उपायुक्त ने कहा कि “जल आपूर्ति एक आवश्यक सेवा है। जिलेवासियों को किसी भी परिस्थिति में पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। यदि एजेंसियां समय पर काम नहीं करेंगी, तो प्रशासन कड़ा रुख अपनाएगा।”बैठक में बताया गया कि श्री राम ईपीसी को 425 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने, जलमीनार निर्माण और 55 हजार घरों तक जलापूर्ति का कार्य सौंपा गया था, लेकिन वर्षों बीत जाने के बावजूद मात्र 55% कार्य ही पूरा हो सका है।
बैठक में धनबाद फेस 1 व 2, भेलाटांड, जामाडोबा, सिंदरी, कतरास, तोपचांची फिल्टर बेड, निरसा-गोविंदपुर जलापूर्ति योजना, और मैथन इनटेक वेल परियोजना की भी समीक्षा की गई।पीएचईडी, झमाडा और जुडको को निर्देश दिया गया कि जल आपूर्ति के लिए जो भी ज़रूरी कदम हों, वह शीघ्रता से उठाए जाएं। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को समयबद्ध ढंग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने को कहा ताकि योजनाएं बाधित न हों।
बैठक में नगर आयुक्त रवि राज शर्मा, सहायक नगर आयुक्त प्रसून कौशिक, पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता, जुडको, डीवीसी, हर्ल, एनएचएआई, एल एंड टी, श्री राम ईपीसी समेत विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि जनता को बुनियादी सेवाओं से वंचित करने वाली एजेंसियों को अब बख्शा नहीं जाएगा।


