धनबाद: नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (नालसा) के निर्देश पर वर्ष 2025 की पहली नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को धनबाद में किया गया। इस लोक अदालत का उद्घाटन धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी और उपायुक्त सह डालसा के वाइस चेयरमैन माधवी मिश्रा ने किया।इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत संविधान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम पूरे देश में नवंबर 2013 से हर तीन माह में आयोजित किया जा रहा है ताकि आम लोगों को त्वरित, सुलभ और सस्ता न्याय मिल सके।
तीन लाख से अधिक विवादों का निपटारा
लोक अदालत में 3,06,583 विवादों का निपटारा किया गया, जिसमें 2,75,412 प्री-लिटिगेशन मामले और 31,171 लंबित मुकदमों का समाधान हुआ। इस दौरान कुल 1 अरब 38 करोड़ 26 लाख 49 हजार 932 रुपये की राशि की रिकवरी की गई।
लोक अदालत का उद्देश्य और लाभ
उपायुक्त माधवी मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम लोगों के हित में आयोजित की जाती है और प्रशासनिक सहयोग के बिना न्याय को समाज तक नहीं पहुंचाया जा सकता।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय ने कहा कि लोक अदालत में महीनों तक अदालतों के चक्कर लगाने और खर्च से बचा जा सकता है। यह समाज में प्रेम, सौहार्द और शांति बनाए रखने में सहायक है।सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य समाज में शांति, समरसता और न्यायिक व्यवस्था को सरल बनाना है। अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राकेश रोशन ने कहा कि लोक अदालत से मुकदमों का तेजी से निष्पादन हो रहा है, जिससे वादकारियों को लंबी कानूनी प्रक्रिया से मुक्ति मिल रही है।
न्यायिक पदाधिकारी और अधिकारी रहे मौजूद
कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय टी. हसन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी, एस.एन. मिश्रा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, समेत कई वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा, स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।लोक अदालत में बैंक ऋण, पारिवारिक विवाद, दुर्घटना मुआवजा, बिजली-पानी बिल विवाद, और सरकारी विभागों से जुड़े सुलहनीय मामलों का तेजी से निपटारा किया गया। आयोजकों को उम्मीद है कि यह आंकड़ा समय के साथ और बढ़ेगा।