धनबाद से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां बराकर नदी से अवैध रूप से बालू ले जा रही हाईवा गाड़ियों को ग्रामीणों ने रोककर वापस बालू घाट भेज दिया। स्थानीय ट्रैक्टर और छोटे गाड़ियों के मालिकों ने विरोध जताया, आरोप लगाया कि बड़े गाड़ियों से बालू तस्करी के कारण उनका कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है।
अवैध वसूली और बढ़ती कीमतें:
ग्रामीणों और गाड़ी मालिकों ने बताया कि अबुआ सरकार के गठन के बाद से बालू की अवैध कीमत तीन गुना बढ़ा दी गई है। पहले प्रति ट्रैक्टर अवैध रूप से ₹300 लिया जाता था, जो अब बढ़कर ₹1000 हो गया है। उनका कहना है कि धनबाद जिला प्रशासन और झारखंड सरकार के नाम पर प्रतिदिन करोड़ों की अवैध वसूली हो रही है, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है।
सरकारी अधिकारी पर हमला:
तस्करों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि दो दिन पहले जांच करने पहुंचे गोविंदपुर के अंचल अधिकारी पर हमला कर दिया गया। उनके चालक और साथ मौजूद अन्य कर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। इस घटना की लिखित शिकायत बरवड्डा थाना में दर्ज कराई गई है।
स्थानीयों का बयान:
ग्रामीणों का कहना है कि बड़ी गाड़ियों से बालू तस्करी के कारण क्षेत्र में अवैध कारोबार बढ़ गया है। वहीं, ट्रैक्टर मालिकों ने कहा कि इस तस्करी ने छोटे कारोबारियों के रोजगार को खत्म कर दिया है।
प्रशासन की भूमिका:
यह मामला पुलिस और खनन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना होगा कि अधिकारी इस अवैध तस्करी पर कब तक कार्रवाई करते हैं।
ग्रामीण: “हमारे इलाके का कारोबार खत्म हो गया है। बड़े गाड़ियां अवैध तस्करी कर रही हैं और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा।”
ट्रैक्टर मालिक: “बालू तस्करी से हमारी आजीविका खतरे में है। सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।”