धनबाद में शराब दुकानों पर अवैध वसूली का खेल जारी है। दुकानदार एमआरपी से 10 से 40 रुपए तक ज्यादा वसूल रहे हैं। यह स्थिति शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक की है।
.
रांगाटॉड, जोराफाटक और चोरागोड़ा क्षेत्र की शराब दुकानों में यह अवैध वसूली रोज की बात हो गई है। ग्राहक एमआरपी पर शराब मांगे तो उसे बिना शराब के लौटना पड़ता है। वहीं, दुकानदारों का दावा है कि अतिरिक्त राशि ऊपर तक जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब है
यह स्थिति तब है जब दुकानें सरकारी व्यवस्था के अधीन हैं। निजी दुकानों के समय में भी इतनी अधिक वसूली नहीं होती थी। विभागीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब है। वहां कोई निगरानी नहीं है। सभी ब्रांड की शराब पर अतिरिक्त वसूली की जा रही है। यह अवैध धंधा पिछले कई सालों से चल रहा है।
जिला मुख्यालय में भी यह सब खुलेआम हो रहा है। विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिकायत होने पर विभाग पल्ला झाड़ लेता है। हालांकि यह मामला सभी के संज्ञान में है। एमआरपी से अधिक लिए जाने वाली राशि का कोई पावती भी ग्राहकों को नहीं दिया जाता है।
शराब ब्रांडों के नाम के साथ एमआरपी सूची लगवानी चाहिए
खरीददारों का कहना है कि प्रशासन को शराब दुकानों के बाहर शराब ब्रांडों के नाम के साथ एमआरपी सूची लगवानी चाहिए, इससे शराब के ब्लैक मार्केटिंग पर लगाम लग सकेगा।
प्रिंट से ओवर रेट लेने वाले दुकान पर कार्रवाई और पेनाल्टी किया जाएगा और कोई भी बंदोबस्ती दुकान प्रिंट रेट से अधिक राशि ले रहे हैं तो शिकायत करें। निश्चित कार्रवाई की जाएगी। -रामलीला रवानी, उत्पाद आयुक्त