धनबाद के बाघमारा में हिलटॉप आउटसोर्सिंग पर वर्चस्व को लेकर कंपनी के समर्थकों और रैयतों के बीच हुए खूनी संघर्ष में डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हैं। रात में उन्हें दुर्गापुर रेफर किया गया है। वहीं, पुलिस इलाके में देर रात तक छापेमारी
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कंपनी पक्ष धनबाद सांसद ढुलू महतो और रैयत पक्ष गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के समर्थक बताए जाते हैं। झड़प के दौरान दोनों तरफ से पत्थरबाजी के साथ दो दर्जन से अधिक बमों के विस्फोट के साथ 100 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। रैयत सुभाष सिंह समेत एक अन्य को गोली लगी। इस दौरान एक पक्ष ने सांसद चंद्रप्रकाश का कार्यालय फूंकने के साथ 18 बाइक को आग के हवाले कर दिया।
सांसद ने कहा था- विवाद सुलझाने के बाद ही काम शुरू करें कंपनी से प्रभावित रैयत व स्थानीय ग्रामीणों को नियोजन व मुआवजा की मांग को लेकर गोविंदपुर क्षेत्रीय कार्यालय में बाघमारा विधायक शत्रुघ्न महतो, जेएमएम नेता कारू यादव, डुमरी विधायक जयराम महतो और गिरीडीह सांसद सीपी चौधरी ने प्रबंधन से वार्ता की थी। सांसद ने बीसीसीएल प्रबंधन को स्पष्ट रूप से कहा था कि कंपनी फॉरमेलिटी पूरी करने के बाद ही कार्य शुरू करे अन्यथा कोई घटना हुई तो इसकी जिम्मेवारी प्रबंधन की होगी।
एक पक्ष ने 18 बाइक को आग के हवाले कर दिया।
कैसे शुरू हुआ बवाल दरअसल, हिलटॉप आउटसोर्सिंग में बाउंड्री वॉल निर्माण की सूचना पर रैयतों ने मौके पर पहुंच विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद कंपनी समर्थक और रैयतों के बीच मारपीट शुरू हो गई। सूचना पर पहुंचे बाघमारा डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह पर झामुमो नेता कारू यादव के समर्थकों ने पत्थरों से जानलेवा हमला किया।
घटना में डीएसपी के सिर और रीढ़ में गंभीर चोट आई है। असर्फी हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद गंभीर स्थिति देख डीएसपी को दुर्गापुर मिशन हॉस्पिटल ले जाया गया है। वहीं, मौके का फायदा उठा कारू अपने बेटे व समर्थकों के साथ भाग निकला।

डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह के सिर और रीढ़ में गंभीर चोट आई है।
आउटसोर्सिंग में संघर्ष की आशंका व दोनों खेमों की तैयारियों की सूचना ओपी प्रभारी ने छुपाई इधर, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी एचपी जनार्दनन ने धर्माबांध ओपी प्रभारी कमलेश कुमार रवि को कर दिया है। साथ ही मौके पर मौजूद अन्य अधिकारियों व जवानों की भूमिका की जांच कराने का आदेश दिया है।
क्षेत्र में दोनों पक्षों की तनातनी और कभी भी विधि-व्यवस्था पर संकट पैदा होने की आशंका के बावजूद ओपी प्रभारी ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को नहीं थी। वरीय अधिकारी इसे ओपी प्रभारी की बड़ी कर्तव्यहीनता व लापरवाही मान रहे थे। यहीं उनके निलंबन का आधार बना। इधर, जिला प्रशासन ने मधुबन थाना के आसपास और आउटसोर्सिंग कंपनी के 5 सौ मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लगाने का आदेश जारी किया है।

एक पक्ष ने सांसद चंद्रप्रकाश का कार्यालय फूंक दिया।
कारू यादव और उनके समर्थकों की तलाश जारी वहीं, एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने कारू यादव और उनके समर्थकों की तलाश में आशा कोठी को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस की कार्रवाई को देख इलाके में सन्नाटा पसर गया। घटनास्थल के आसपास की दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गईं।
पुलिस ने सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। घटना के बाद अधिकतर पुरुष सदस्य फरार हो गए। आशा कोठी से चार लोगों को हिरासत में लिया गया। फिलहाल स्थल और मधुबन थाना में भी बड़ी संख्या में पुलिस के जवान कैंप किए हुए हैं। देर रात तक छापेमारी का सिलसिला जारी रहा।

वर्चस्व को लेकर झड़प और आगजनी हुई। बाघमारा डीएसपी पर पत्थरों से हमला हुआ। वे गंभीर रूप से जख्मी हुए। एसडीओ ने विवाद नहीं सुलझने तक काम नहीं शुरू करने का अरदेश दिया था। किसके आदेश पर काम शुरू किया गया, इसकी जांच कर कार्रवाई होगी। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है। उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। -एचपी जनार्दनन, एसएसपी