धनबाद: झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है, और इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। कांग्रेस में धनबाद विधानसभा सीट के लिए टिकट के दावेदारों की संख्या 57 तक पहुंच गई है, जिससे पार्टी के लिए सही उम्मीदवार का चयन करना एक कठिन चुनौती बन गया है।
धनबाद में हाल ही में आयोजित जनसंवाद अभियान के दौरान कांग्रेस की आंतरिक कलह खुलकर सामने आई। बाघमारा, पुटकी और झरिया क्षेत्रों में पार्टी के कार्यकर्ताओं और दावेदार नेताओं के समर्थकों के बीच नारेबाजी से लेकर हाथापाई तक की घटनाएं सामने आईं। पार्टी के भीतर गुटबाजी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
धनबाद विधानसभा सीट के लिए प्रमुख दावेदारों में कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, जिला कार्यकारी अध्यक्ष रशीद रजा, मयूर शेखर झा, अभिजीत राज, अशोक सिंह, प्रभात सुरुलिया, वैभव सिन्हा, विजय सिन्हा, रणविजय सिंह, विजेंद्र सिंह और नवनीत कुमार जैसे नेता शामिल हैं। सभी अपनी मजबूत दावेदारी का दावा कर रहे हैं।
कुछ नेता पिछड़ा वर्ग से होने का हवाला देकर अपनी दावेदारी पुख्ता करने की कोशिश कर रहे हैं, तो कुछ ने न्याय यात्रा में बेहतर प्रदर्शन और राहुल गांधी के हस्ताक्षरित टी-शर्ट को अपनी उम्मीदवारी के लिए सकारात्मक संकेत माना है।
पार्टी के बुजुर्ग नेता और पूर्व विधायक मन्नान मलिक अब स्वास्थ्य कारणों से चुनावी दौड़ में सक्रिय नहीं हैं, जबकि पिछले चुनाव में उन्होंने भाजपा के राज सिन्हा को कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में कांग्रेस इस बार नए उम्मीदवार की तलाश में है।
हाल ही में बाघमारा के श्यामडीह में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक जलेश्वर महतो और नेता रोहित यादव के समर्थकों के बीच हुई नारेबाजी से विवाद इतना बढ़ गया कि स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई।
इसके बावजूद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि इस बार कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पूरा जोश है, और जहां भी चुनाव लड़ेंगे, वहां जीतेंगे। अब देखना यह होगा कि पार्टी किसे धनबाद से टिकट देती है और क्या वह गुटबाजी से उबरकर एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतर पाती है।