ग्राम भोयना में हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग
धमतरी जिले के ग्राम भोयना में हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं कलेक्ट्रेट पहुंचे। स्कूली बच्चों ने प्रवेश उत्सव के दिन कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें 8 किलोमीटर दूर धमतरी शहर जाना
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छात्रों ने कहा कि स्कूल जाने के दौरान उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बारिश में भीगना, सड़क के गड्ढों में गिरना और कपड़े खराब होना आम बात है। भारी वाहनों की आवाजाही के कारण दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। इस समस्या से आसपास के 5-6 गांवों के विद्यार्थी प्रभावित हैं।
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से वे हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग कर रहे हैं। हर साल कलेक्ट्रेट में ज्ञापन दिया जाता है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय स्तर पर हायर सेकेंडरी स्कूल न होने से छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है और उनकी सुरक्षा भी जोखिम में है।
पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रहे ग्रामीण छात्र
दसवीं उत्तीर्ण छात्र नामेश्वर कुमार सिन्हा का कहना है कि 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए 10 से 12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। यह केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे गांव के छात्रों की साझा समस्या है।
नामेश्वर बताते हैं कि कुछ छात्र तो दिव्यांग हैं और कई बच्चों के माता-पिता इतनी दूर पढ़ने भेजने से कतराते हैं। नतीजतन, पढ़ाई अधूरी रह जाती है और कई छात्र आगे की शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। बारिश के समय में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। सड़कें गड्ढों से भरी होती हैं, जिनमें पानी भर जाने से ड्रेस गंदे हो जाते हैं और छात्र स्कूल नहीं जा पाते। एक बार तो सड़क दुर्घटना में एक छात्रा की जान भी जा चुकी है।

8 से 10 वर्षों से की जा रही स्कूल की मांग
गांव की सुलोचना देवांगन बताती हैं कि वे हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग को लेकर कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंची थीं। पिछले 8 से 10 वर्षों से यह मांग की जा रही है, लेकिन अब तक केवल ‘कोशिश की जाएगी’ जैसा जवाब मिलता आया है। भोयना के हाई स्कूल में 5 से अधिक गांवों के छात्र पढ़ने आते हैं, लेकिन दसवीं के बाद उनके पास कोई स्थानीय विकल्प नहीं होता।
अपर कलेक्टर इंदिरा सिंह देवहारी ने बताया कि ग्राम भोयना में हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग का पत्र शिक्षा विभाग को भेजा गया है, और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।