धमतरी जिले के कलेक्टर कुपोषण को लेकर हुए सख्त
छत्तीसगढ़ के धमतरी में कुपोषण मामले को लेकर कलेक्टर ने सख्त कदम उठाया है। पोषण आहार की समीक्षा बैठक के दौरान विभाग में गंभीर लापरवाही सामने आई। इस पर कलेक्टर ने 18 सेक्टर के सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की जानकारी ली। सुपरवाइजरों द्वारा अपने कार्यों में बरती गई लापरवाही पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने जिले में गंभीर कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर निगरानी और कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए की गई है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य कार्य केन्द्र आंगनबाड़ी हैं। आंगनबाड़ी ठीक तरह से समय पर संचालित होगी तो अन्य सभी गतिविधियां भी स्वतः ही ठीक हो जाएगी।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के दिए निर्देश
कलेक्टर ने बैठक में सभी परियोजना अधिकारियों और सेक्टर सुपरवाइजरों को अपने-अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों का लगातार निरीक्षण करने निर्देश दिए है। साथ ही बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म पोषण आहार और भोजन नियमित रूप से कराने को कहा। समीक्षा के दौरान दस प्रतिशत से अधिक कुपोषण की स्थिति वाले लगभग 18 सेक्टरों की सुपरवाईजरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आंगनबाड़ियों में बच्चों की कम उपस्थिति पर कलेक्टर नाराजगी जताई है। देमार गांव पर्यवक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सांकरा सेक्टर की पर्यवेक्षक की बिना अनुमति और बिना सूचना के एक माह से लगातार कार्य से अनुपस्थिति होने पर अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई।