हाट रोड स्थित भाजपा का जिला कार्यालय।
भाजपा जिलाध्यक्षों की घोषणा कभी भी हो सकती है। यह संभावना है कि गुना में जिलाध्यक्ष रिपीट हो सकते हैं। वर्तमान जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार को एक बार फिर जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि, पार्टी की ओर से गुना जिले के लिए तीन नामों का पैनल भेजा गय
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बता दें कि संगठन पर्व के तहत पहले सदस्यता अभियान चलाया गया। सदस्यता अभियान में जिले में 2.58 लाख सदस्य बनाए गए। इसके बाद अक्टूबर में सक्रिय सदस्यता अभियान शुरू हुआ। इसमें लगभग 800 सक्रिय सदस्य जिले में बनाए गए। सदस्यता अभियान के बाद बूथ समितियों की चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। 14 से 20 नवंबर तक बूथ समितियों का निर्वाचन हुआ। जिले के 19 मंडलों के 1103 बूथों पर समितियों का गठन हुआ। हर बूथ पर 12 सदस्यों की कार्यकारिणी का गठन हुआ।
21 में से 16 मंडल अध्यक्षों की घोषणा बूथ समितियों के चुनाव के बाद मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की शुरुआत हुई। रायशुमारी के बाद सर्वसम्मति से मंडल अध्यक्षों की घोषणा हुई। जिले के 21 में से 6 मंडलों में अध्यक्षों की घोषणा हुई। पांच मंडलों में सहमति न बन पाने के कारण स्थिति होल्ड पर है। इनमें सबसे ज्यादा तीन मंडल गुना विधानसभा के हैं।
30 किलोमीटर दूर हुई रायशुमारी
मंडलों की घोषणा के बाद जिला अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें भी पार्टी की नीति है कि सर्वसम्मति से निर्णय हो। इसके लिए अध्यक्ष पद के नाम लेने के लिए रायशुमारी की गई। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा तय की गयी गाइडलाइन के अनुसार गुना जिले में जिलाध्यक्ष पद के लिए संभावित नामों पर होने वाली रायशुमारी में वर्तमान जिलाध्यक्ष व निवर्तमान जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, जिले के दोनों सांसद, दो विधायकों के अलावा दो विधानसभा के हारे प्रत्याशी, संगठन के संभागीय व जिला प्रभारी के अलावा जिले में गठित कर दिए गए 16 मंडलों के अध्यक्ष व प्रतिनिधि शामिल हुए।
गुना जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी शहर से 30 किलोमीटर दूर राघौगढ़ इलाके के एक निजी होटल में हुई। रायशुमारी में कुल 47 कार्यकर्ताओं, नेताओं ने उपस्थित रहकर अपने नाम जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपे। बाकी 5 नेताओं ने मोबाइल के जरिए अपने नाम दिए। सभी से मिले नामों की पर्ची को एक डिब्बे में बंद कर जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल ले गए और प्रदेश नेतृत्व को सभी नाम सौंप दिए।
रायशुमारी में पार्टी ने तीन-तीन नामों के अलावा एक महिला दावेदार का नाम भी मांगा था। रायशुमारी में धर्मेंद्र सिकरवार, गजेन्द्र सिकरवार, संतोष धाकड, अशोक शर्मा, महेंद्र किरार का नाम आया। पार्टी ने एक महिला नेत्री का नाम भी पैनल में मांगा था। इसलिए रायशुमारी में शामिल हुए नेताओं ने एक एक महिला कैंडिडेट का नाम भी पर्ची में दिया।
राघौगढ़ के एक निजी होटल में रायशुमारी की गई थी।
गुना के लिए पैनल में गया तीन नेताओं का नाम
सूत्रों की मानें तो प्रदेश नेतृत्व द्वारा गुना जिलाध्यक्ष के लिए तीन नामों का पैनल दिल्ली भेजा गया है। इन्हीं में से किसी को जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसमें वर्तमान जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार, पूर्व जिलाध्यक्ष गजेन्द्र सिकरवार और सांसद प्रतिनिधि अशोक शर्मा का नाम शामिल है।
धर्मेंद्र सिकरवार फिर बन सकते हैं जिलाध्यक्ष
इस रायशुमारी में सबसे ज्यादा नेताओं ने वर्तमान जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार का नाम दिया है। सूत्रों के अनुसार 16 में से 12 मंडल अध्यक्षों ने धर्मेंद्र सिकरवार का नाम पहले नंबर पर दिया है। इसके अलावा दोनों सांसदों की ओर से भी इनका नाम ही आया है। वहीं पार्टी के एक विधायक, दो पूर्व विधायक और चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी ने भी इनके नाम पर ही सहमति जताई है। जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष ने भी इनके नाम का समर्थन किया है।
ग्वालियर का फायदा गुना में मिल सकता है
सूत्रों की मानें तो जिलाध्यक्ष के लिए सबसे ज्यादा विवाद ग्वालियर और चंबल संभाग में है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी यहां अपने कुछ नामों के लिए लगे हुए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र सिंह तोमर भी अपने नामों पर विचार कराने के प्रयास में हैं। ऐसे में यह संभावना है कि पार्टी सिंधिया से कह सकती है कि वह गुना लोकसभा के किसी जिले में अपनी पसंद का जिलाध्यक्ष बनवा लें। अगर ऐसा होता है, तो इसका फायदा गुना में मिल सकता है। क्योंकि, धर्मेंद्र सिकरवार उनकी पसंद के हैं और वह मूल भाजपा से भी आते हैं। वहीं सिंधिया अशोकनगर या शिवपुरी में अपने किसी समर्थक का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।