छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पेयजल संकट का खतरा सामने आया है। जल शक्ति मंत्रालय की नई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्षेत्र में धान की खेती से जल स्तर में गिरावट आ रही है।
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मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बालोद और गुंडरदेही ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन में आ गए हैं। गुरुर ब्लॉक की स्थिति और भी गंभीर है, जो अब क्रिटिकल जोन में पहुंच गया है।
धान की खेती से गिर रहा भूजल स्तर
प्रशासन ने चलाया जल जतन अभियान
जिला प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए जल जतन अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिला पंचायत बालोद गिरते जल स्तर को सुधारने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है।

जल जतन अभियान में लोगों को जागरूक किया गया
धान की खेती भूजल स्तर में गिरावट
विशेषज्ञों के मुताबिक, क्षेत्र में धान की खेती भूजल स्तर में गिरावट का प्रमुख कारण है। गर्मी के मौसम में भी किसान धान की फसल ले रहे हैं। कुछ साल पहले वृहद अभियान की वजह से गुरुर ब्लॉक क्रिटिकल से सेमी क्रिटिकल जोन में आया था। लेकिन अब स्थिति फिर बिगड़ गई है और यह क्षेत्र पुनः क्रिटिकल जोन में पहुंच गया है।
प्रशासन किसानों को लगातार जागरूक कर रहा है, लेकिन अभी तक इसका अपेक्षित प्रभाव नहीं दिख रहा है।