गोरखपुर2 मिनट पहले
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गोरखपुर में किसानों के लिए धान की सीधी बुआई यानी डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (डीएसआर) तकनीक वरदान साबित हो रही है। यह तकनीक जलवायु परिवर्तन और श्रमिकों की कमी की समस्या का समाधान बन रही है।
संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने किसानों को पारंपरिक रोपाई छोड़कर डीएसआर अपनाने की सलाह दी है। इस तकनीक में बीज सीधे खेत में मशीन से बोए जाते हैं। इससे नर्सरी तैयार करने और रोपाई की मेहनत से छुटकारा मिलता है।
डीएसआर तकनीक से 25-30% पानी की बचत होती है। मिट्टी की गुणवत्ता बरकरार रहती है। खरपतवार पर नियंत्रण भी आसान होता है। कृषि विभाग किसानों को सुपर सीडर मशीनें अनुदान पर दे रहा है। बुआई का खर्च 2100 रुपये प्रति एकड़ है।
इस तकनीक में बीजों को पहले 10-12 घंटे पानी में भिगोया जाता है। फिर सुपर सीडर से 3-5 सेमी गहराई में बुआई की जाती है। पंक्तियों के बीच 20 सेमी की दूरी रखी जाती है। खरपतवार रोकने के लिए पेंडीमेथालिन और बिस्पाइरीबैंक सोडियम सॉल्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
डीएसआर से हर पौधे में 40-45 कल्ले निकलते हैं। फसल 8-10 दिन पहले तैयार हो जाती है। इससे अगली फसल की बुआई समय पर हो जाती है। उप कृषि निदेशक धन्नजय सिंह ने किसानों से इस तकनीक को अपनाने की अपील की है।