बिहार के लखीसराय में शिक्षा विभाग के क्लर्क पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का आरोप लगा है। महिला का कहना है कि ‘अशरफ ने 2012 में सुमित बनकर दोस्ती की, 13 साल तक शारीरिक संबंध बनाया।
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हम दोनों से एक बेटा भी है, लेकिन अब अशरफ शादी करने से इनकार कर रहा है। वो नमाज पढ़ने और गोमांस खाने का दबाव बनाता है।’
महिला का कहना है कि ‘2012 में लिपिक कमाल अशरफ ने धोखे से अपने प्रेम जाल में फंसाया। उस वक्त अशरफ जनता उच्च विद्यालय अलीनगर में काम करता था। मैं 16 साल की थी और उसी स्कूल में पढ़ती थी।
महिला का आरोप है कि
अशरफ उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और बालिग होने तक जमुई, आसनसोल और मुंगेर जैसे कई स्थानों पर रखकर उसका लगातार यौन शोषण करता रहा।
महिला ने बताया कि,
‘साल 2014 में गर्भवती होने पर मैंने अशरफ से गर्भपात कराने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। अशरफ उसे लखीसराय न्यायालय ले गया, जहां धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज कराया गया और शादी करने की बात मानी। समय यह मामला शांत हो गया।’

जनवरी 2015 में मैंने एक बेटे को जन्म दिया। बेटा होने के बाद मैंने सुमित पर शादी करने का दबाव बनाना शुरू किया तो सुमित ने अपना असली नाम कमाल अशरफ बताते हुए उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना शुरू कर दिया। अशरफ मुझे मंदिर जाने से रोकता था, नमाज पढ़ने और गोमांस खाने का दबाव भी बनाता था।
पीड़िता के मुताबिक 2024 से रिश्ते और बदलने लगे और वो लगातार मुझे मुस्लिम बनने के लिए कहने लगा। 2 सितंबर, 2024 को उसने मुझे और मेरे बेटे को बहुत पीटा।

3 साल पहले शिक्षा विभाग में ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर मेरी भी नौकरी हुई। यह नौकरी संविदा पर थी। मैं जबतक चुप रही तब तक अशरफ मेरे साथ रहने को तैयार रहा। लेकिन जैसे ही मैंने विरोध करना शुरू किया वो मेरी प्राइवेट फोटो सबको दिखाने लगा।

20 फरवरी, 2025 को कमाल अशरफ तीन अन्य लोगों के साथ उसके पास आया। उसने कहा कि इन तीनों के साथ शारीरिक संबंध बनाओ उसके बाद मैं शादी करूंगा। उसको बाद उसने मारपीट की।
उसके बाद 8 अप्रैल को सूर्यगढ़ा थाना गई। मैंने शिकायत दी लेकिन 9 अप्रैल को दरोगा अलका कुमारी ने मुझे थाने पर बुलाया बिना प्राथमिक की दर्ज किए मुझसे तीन घंटे तक पूछताछ की। 12 अप्रैल को थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।

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