Friday, April 18, 2025
Friday, April 18, 2025
Homeमध्य प्रदेशनर्मदापुरम में आदिवासियों को मारपीट कर हटाने का आरोप: अतिक्रमणकारियों के...

नर्मदापुरम में आदिवासियों को मारपीट कर हटाने का आरोप: अतिक्रमणकारियों के पक्ष उतरे आदिवासी संगठन; डिप्टी सीएम से की शिकायत – narmadapuram (hoshangabad) News


डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से मिले आदिवासी संगठन के पदाधिकारी और पीड़ित।

नर्मदापुरम जिले के माखननगर में खकरापुरा, डांगपुरा में खेती कर रहे आदिवासियों से वन विभाग की कृषि भूमि का कब्जा हटाने की मारपीट से आदिवासी संगठन नाराज है। पुलिस, फारेस्ट के अमले द्वारा की कार्रवाई की किसान आदिवासी संगठन और समाजवादी जन परिषद ने इस घटना

.

वनवासी कृषि एवं ग्रामीण मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह लोवे ने मप्र के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की शिकायत कर मारपीट जैसे आरोप लगाएं।

आरोप- मारपीट कर बलपूर्वक हटाया

आदिवासी संगठन के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह का कहना है कि ग्राम खखरापुरा एवं डांगपुरा तहसील माखननगर जिला नर्मदापुरम में करीब 25 साल से निवासरत है। 50 एकड़ जमीन खेती कर रहे है। इन आदिवासी किसानों को विस्थापित कर दूसरी कृषि भूमि देने के बजाय बलपूर्वक मारपीट कर उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है।

जबकि सरकार भूमिहीन मजदूरों एवं कृषकों के लिए दृढ़ संकल्पित है। सोहागपुर विधानसभा में मजदूरी कर रहे आदिवासियों की अजीविका छीनी गई। बिना विस्थापित किए षड्यंत्र रचते हुए वन विभाग एवं राजस्व के अधिकारियों के द्वारा छल कपट, डरा धमकाकर बलपूर्वक खड़ी फसल का नुकसान किया गया।

विरोध करने पर महिला को घसीटकर दुर ले जाया गया था।

विरोध करने पर महिला को घसीटकर दुर ले जाया गया था।

आदिवासियों के मानवधिकार का उल्लंघन किया गया है, जो कि सरकार के संकल्पों के विरूद्ध कार्रवाई की। आदिवासियों को विधि अनुसार विस्थापित कर उनका हक दिलाकर उचित कार्रवाई करें।

अतिक्रमण हटाने के विरोध में कुछ जेसीबी पर चढ़ गए थे। धक्का-मुक्की भी हुई थी

अतिक्रमण हटाने के विरोध में कुछ जेसीबी पर चढ़ गए थे। धक्का-मुक्की भी हुई थी

इधर; 4 दिन से गांव में वन-पुलिस अमले ने डेरा डाला

खकरापुरा में 18 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाकर एसटीआर से विस्थापित हुए खामदा गांव के 17 परिवारों को देने की कार्रवाई हो गई है। लेकिन, अतिक्रमण हटने के चार दिन बाद भी यहां पर फारेस्ट और पुलिस अमला नहीं हटा है।

अतिक्रमण हटाकर की तार फैंसिंग की सुरक्षा के लिए बल 24 घंटे निगरानी कर रहा है। 50 वनकर्मी और 15 पुलिस जवान तैनात है। अतिक्रमण हटाने के दूसरे दिन ही कुछ लोगों ने तार फैंसिंग उखाड़ दी थी। बाद में फारेस्ट विभाग ने इसमें सुधार करवा दिया। जिसके बाद से लगातार फेंसिंग को नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई करने का गाड़ी से अनाउंसमेंट भी कराया जा रहा है।

दूसरे दिन ही कुछ फैंसिंग तोड़ दी थी। जिसका सुधार कर कराया गया।

दूसरे दिन ही कुछ फैंसिंग तोड़ दी थी। जिसका सुधार कर कराया गया।

सुरक्षा में स्टॉफ को लगाया

एसडीओ अंकित जामोद ने बताया कि गांव में सुरक्षा और तार फेंसिंग को तोड़कर दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए स्टॉफ को लगाया गया है।

गाड़ी से अनाउंसमेंट कराया जा रहा है।

गाड़ी से अनाउंसमेंट कराया जा रहा है।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular