जमुई में एक नवजात बच्ची को उसकी मां ने जन्म के तुरंत बाद छोड़ दिया था। लेकिन उसकी तकदीर में प्यार की कमी नहीं थी। पंजाब से आए एक दंपत्ति ने उसे गोद लेने की इच्छा जताई और जिला प्रशासन की मदद से बच्ची को अपनाने में सफल रहे।
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बीते 4 साल पहले पंजाब की दंपती एक बच्ची को गोद लेने के लिए सरकारी ऐप पर ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन किया था। इस संबंध में प्रक्रिया चल रही थी,जो अब जाकर पूरी हो गई है। दंपती बच्ची को अपने साथ पंजाब ले गए। पंजाब से आए इस दंपत्ति ने विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) के माध्यम से बच्ची को गोद लेने के लिए आवेदन दिया था।
जमुई की जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा की देख रेख में यह प्रक्रिया पूरी की गई। बच्ची को अपनी गोद में लेकर पंजाब से आए दंपती भावुक हो उठे। उनकी सालों की मुराद पूरी हो गई। पंजाब दंपती काफी संपन्न है। दोनों के पहले से ही एक बच्चा है।
डीएम ने दंपती को दी शुभकामना
जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन अनाथ, बेसहारा और गुमशुदा बच्चों के पुनर्वासन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि कोई अनाथ या परित्यक्त बच्चा मिले तो चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर तुरंत सूचना दें, ताकि उसे उचित देखभाल मिल सके। डीएम ने पंजाब के दंपती को नेक कार्य के लिए अशेष शुभकामना दी।
बता दें कि 8 महीने पहले 8 अगस्त 2024 को सड़क किनारे एक नाले में मिली नवजात बच्ची को देख जमुई की एक दंपती ने उसे अपनाने के लिए उसकी परवरिश की थी। मामला मीडिया में आने के बाद नवजात बच्ची को बाल संरक्षण इकाई ने अपने कब्जे में लिया था। बच्ची पहले शिशु संरक्षण गृह पहुंची और अब 8 महीने के बाद उसकी किस्मत उसे पंजाब लेकर जा रही है।
जमुई बाल संरक्षण पदाधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि किसी दंपती के पास पहले से भी बच्चे हैं, तो वह किसी बच्चे को गोद ले सकते हैं। पंजाब दंपती के पास भी पहले से एक बच्चे हैं। उन्होंने बताया जमुई के लिए पहला अवसर है।