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स्वास्थ्य विभाग ने जिले में निक्षय-निरामय अभियान के तहत 100 दिवसीय पहचान व उपचार अभियान 7 दिसंबर से 23 मार्च 2025 तक चलाया जाएगा।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी है कि सभी ग्रामों में लक्ष्य अनुरूप कुष्ठ व टीबी के मरीजों का पहचान और उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के लिए अनिवार्य रूप से जांच और एक्स-रे किया जा रहा है। किसी की भी स्क्रिनिंग न छुटे यह प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सभी पीएचसी को निर्देशित किया गया है।
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि टीबी की प्रारंभिक पहचान दो सप्ताह तक की खांसी, वजन कम होना, रात में बुखार और पसीना आना, भूख न लगना, जैसे लक्षणों को चिन्हांकित कर बलगम की जांच ट्रुनॉट मशीन की ओर से किया जा रहा है। यह मशीन जिले के समस्त विकासखण्ड में उपलब्ध है। आमतौर पर नियमित शराब का सेवन करने वाले, तम्बाकू, गुड़ाखू, बीडी व सिगरेट के आदी लोगों में यह लक्षण होते हैं तो उन्हें जागरूक कर एक्स-रे जांच कराया जाना है। इसके साथ-साथ अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी मरीजों का जांच कर उन्हें उपचार सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके लिए पुरानी खांसी, अनुवांशिक हिस्ट्री, कुपोषित लोगों को संदेह के दायरे में रखा गया है। लक्षणात्मक मरीजों का एक्स-रे व बलगम की जांच मशीन से कर पुष्टि होने पर निशुल्क उपचार किया जाएगा।