नगर निगम में रिश्वत कांड के सामने आने के बाद बड़े बदलाव की कवायद शुरू कर दी गई है। जिम्मेदारों से पूछा गया है कि आखिर उनके यहां इतना सब कुछ चल रहा था और उन्हें भनक तक क्यों नहीं थी। विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
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ऐसे में अब वर्षों से एक ही जगह जमे अफसर-कर्मचारियों को भी हटाया जा सकता है। अब निगम प्रशासन ऐसे सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बदलने पर विचार कर रहा है जो वर्षों से एक ही जगह पर काम कर रहे हैं। वर्षों से एक ही स्थान पर काम करने से कर्मचारियों का गठजोड़ बन जाता है।
उदेनिया को जोन-21 का प्रभार देने पर आपत्ति
राजीव सक्सेना को हटाने के बाद एएचओ वासुदेव उदेनिया को जोन 21 का प्रभार देने पर भाजपा के पार्षद आपत्ति जता रहे हैं। परिषद बैठक में देवेंद्र भार्गव और अरविंद वर्मा ने उदेनिया के कामकाज और व्यवहार को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने उदेनिया को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे।