बिजली पंचायत में उपस्थित कर्मचारी।
बिजली कर्मचारियों ने बिजली निगम के निजीकरण का पुरजोर विरोध किया है। शुक्रवार की देर शाम गोरखपुर में मुख्य अभियंता कार्यालय पर बिजली पंचायत लगाई गई। संघर्ष समिति ने यहां से निर्णायक संघर्ष का ऐलान किया। 1 जनवरी को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। उ
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मोहद्दीपुर में आयोजित बिजली पंचायत में उपस्थित अधिकारी, कर्मचारी।
सीएम पर जताया विश्वास संघर्ष समिति के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, जितेंद्र सिंह गुर्जर, महेंद्र राय,चंद्र भूषण उपाध्याय,पी के दीक्षित, सुहैल आबिद,छोटे लाल दीक्षित ,श्रीकांत सरजू त्रिवेदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा जताया है। वक्ताओं ने कहा कि सीएम के नेतृत्व में बिजली कर्मी लगातार सुधार में लगे हैं। घाटा लगातार कम हो रहा है। 2016-17 में घाटा 41 प्रतिशत था जो 2023-24 में 17 प्रतिशत रह गया है। कौड़ियों के भाव दी जाएंगी संपत्तियां वक्ताओं ने कहा कि पावर कारपोरेशन की ओर से तैयार किए गए निजीकरण के मसौदे में निगम की भूमि 1 रुपये प्रति वर्ष की लीज पर देने का प्रविधान है। इस तरह लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियों को बिना मूल्यांकन किए कौड़ियों के भाव निजी घरानों को सौंपने की साजिश है। उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
मुख्य अभियंता कार्यालय पर शुक्रवार को देर शाम तक बिजली कर्मी जमे रहे।
29 को झांसी, 5 जनवरी को प्रयागराज में लगेगी पंचायत वक्ताओं ने बताया कि 29 दिसंबर को झांसी व 5 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विफलता से बौखलाए पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल के एमडी मनमाने ढंग से लोगों को निलंबित करने में जुटे हें। यह उकसाने वाला कदम है। यदि इसपर रोक नहीं लगाई गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद साथ पंचायत में पहुंचे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वह पूरी तरह से बिजली कर्मियों की मांगों के साथ हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हम सभी को उम्मीद है।