नूंह के मालब गांव में 17 साल बाद रावण दहन किया। ग्रामीणों ने इस बार नए सिरे से दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया। जिसे लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि ग्रामीणों ने 1972 से 2007 तक लगातार रामलीला का सफल आयो
.
रामलीला के समापन पर अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक विजयदशमी पर बुराई रूपी रावण के पुतले का दहन किया जाता था। जिसमें मालब समेत आस-पास के आकेडा, दिहाना, बीरसिका, बाई, बडौजी, गहबर समेत दर्जनों गांव के लोग शामिल होते थे, अब पुनः उस परंपरा को शुरू करने के उद्देश्य से 17 साल के बाद विजयादशमी पर्व का आयोजन धूमधाम से किया गया। शाम 4 बजे से मुख्य बाजार मालब से झांकियां निकाली गई, जो सनातन धर्म मंदिर होते हुए दशहरा मैदान पहुंची।
पहले गांव में झांकी निकाली गई फिर हुआ रावण दहन।
जहां पर बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक स्वरूप रावण के 36 फुट ऊंचे विशालकाय पुतले का दहन किया गया। ग्रामीणों ने खूब पटाखे फोड़े और प्रसाद वितरण कर अपनी खुशियां एक दूसरे के साथ साझा की। ग्रामीणों ने कहा कि हमारी आगामी पीढ़ियों को अपने धर्म और संस्कृति का ज्ञान हो, इसके लिए यह संचालन फिर से शुरू किया गया है। आगामी वर्ष से पहले की तरह रामलीला का मंचन भी शुरू किया जाएगा।