Thursday, May 1, 2025
Thursday, May 1, 2025
Homeदेशनूंह में तब्लीगी जलसा खत्म,आखिरी दिन 10 लाख लोग आए: सेव...

नूंह में तब्लीगी जलसा खत्म,आखिरी दिन 10 लाख लोग आए: सेव गाजा, इजराइल प्रोडक्ट बॉयकाट के बैनर लहराए, लिखा- फिलिस्तीन को याद रखो – Nuh News


तबलीगी जलसे में उमड़ा जनसैलाब और हाथों में फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर लहराते लोग।

हरियाणा के नूंह में चल रहे तब्लीगी जमात के जलसे के आखिरी दिन सोमवार को 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे। 21 एकड़ में लगाया गया टेंट छोटा पड़ गया। लोगों ने पार्किंग एरिया में भी नमाज पढ़ी। कार्यक्रम के बाद जमात के प्रमुख मौलाना साद ने जलसे की समाप्ति की घोषणा

.

पंडाल के गेट पर सेव गाजा और इजराइली प्रोडक्ट्स के बॉयकाट के बैनर लहराए गए। कुछ लोगों ने हाथ में बैनर लेकर इजराइल की फिलिस्तीन के खिलाफ की गई कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने बैनर पर लिखा- “अगर हम जिहाद के लिए नहीं जा सकते तो फिलिस्तीन को दुआ में जरूर याद रखना।”

जलसे की समाप्ति पर दिल्ली-अलवर रोड पर जाम और वाहनों की छतों पर सवार लोग।

नूंह के दिल्ली-अलवर रोड पर लगा जाम। अंतिम दिन जलसे में 10 लाख तब्लीगी पहुंचे थे।

नूंह के दिल्ली-अलवर रोड पर लगा जाम। अंतिम दिन जलसे में 10 लाख तब्लीगी पहुंचे थे।

तब्लीगी जमात के जलसे के लिए हरियाणा के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी लोग पहुंचे।

तब्लीगी जमात के जलसे के लिए हरियाणा के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी लोग पहुंचे।

पहले दिन 60 हजार तो दूसरे दिन 6 लाख लोग आए पहले दिन जलसे में करीब 60 हजार लोग पहुंचे। दूसरे दिन करीब 6 लाख लोग आए। फिरोजपुर झिरका में अनाज मंडी के पीछे करीब 21 एकड़ भूमि में जलसे के लिए टेंट लगाया गया था। करीब 100 एकड़ भूमि में शौचालय, पार्किंग, खाना, मेडिकल से लेकर तमाम इंतजाम रहे। जलसे में लोगों को संभालने के लिए 5 हजार वॉलंटियर ड्यूटी पर रहे। पुलिस कर्मचारियों ने जलसे के बाहर ड्यूटी दी। कार्यक्रम खत्म होने के बाद दिल्ली-अलवर रोड पर लंबा जाम लग गया। ढाई घंटे तक वाहन रेंग रेंग कर चले।

फिरोजपुर झिरका में चल रहे तब्लीगी जमात के जलसे में नमाज अता करते लोग।

फिरोजपुर झिरका में चल रहे तब्लीगी जमात के जलसे में नमाज अता करते लोग।

दूसरे दिन मौलाना साद की जलसे में 4 अहम बातें…

1. भारत में रहना है तो कानून मानने होंगे जमात के प्रमुख मौलाना साद ने कहा, इस्लाम देश से बगावत की इजाजत नहीं देता और इस्लाम को मानने वाले लोग गलत काम नहीं कर सकते। इसलिए मोमिनों को गलत काम छोड़कर सही राह पर चलना चाहिए। हम भारत में रहते हैं और यहां के कानून हमें मानने होंगे। सच्चा मोमिन ऐसा कोई काम नहीं करता, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे और जो कानून के खिलाफ हो।”

2. पांचों वक्त नमाज अता करनी चाहिए मौलाना साद ने कहा, “सच्चे मुस्लिम को पांचों वक्त की नमाज पाबंदी के साथ अता करनी चाहिए और अपने बच्चों को मस्जिद जरूर लेकर जाना चाहिए। विशेष रूप से घर की बेटियों और महिलाओं को इस्लाम की शिक्षा देनी चाहिए। नमाज अता नहीं करने पर मोमिन को किसी भी सूरत में माफी नहीं है। चलने फिरने में बीमार मोमिन को बैठकर नमाज अता करनी चाहिए। जान बूझकर एक नमाज छोडने पर दो करोड़ 88 लाख वर्ष जहन्नुम में जलना पड़ेगा।”

जलसे में दूसरे दिन संबोधित करते मौलाना साद।

जलसे में दूसरे दिन संबोधित करते मौलाना साद।

3. कब्जा करने वालों की दुआ कबूल नहीं होती उन्होंने कहा, “अपने मां-बाप की नाफरमानी करने वालों को खुदा कभी माफ नहीं करता। ऐसा करने वाले लोग अल्लाह की नजरों में बड़े गुनहगार होते हैं। मोमिन को चाहिए कि वो नबी के बताए गए तरीकों पर जिंदगी गुजारे। जो मुस्लिम जमीनों और रास्तों पर अवैध कब्जा करता है, उसकी दुआ कभी कबूल नहीं होती। इस्लाम जानना इस्लाम नहीं है, बल्कि अमल करना इस्लाम है। तकदीर पर ईमान लाना जरूरी है। ईमान केवल दिल में रखने की चीज नहीं है बल्कि जाहिर करने का है।”

4. इस्लाम को किताब से जिंदगी में लाओ साद ने आगे कहा, “मुसलमान की पहचान नबी मुहम्मद के हुलिया से होती है। अगर मुसलमान जकात देने वाला बन जाए तो दुनिया से गरीबी खत्म हो जाएगी। अगर हर आलिम, आलिम बन जाए तो दुनिया से जहालत खत्म हो जाएगी। अभी तक इस्लाम किताब में है, इसे जिंदगी में लाओ। किताब का अमल इस्लाम नहीं है बल्कि जिंदगी को इस्लाम के तरीके से गुजारना इस्लाम है।”

नूंह से ही शुरू हुई थी तब्लीगी जमात की शिक्षा तब्लीगी जमात की शिक्षा की शुरुआत नूंह से ही मानी जाती है। तब्लीगी जमात की शुरुआत हजरत मौलाना इलियास कांधलवी ने की थी। 1926-27 में मौलाना इलियास कांधलवी ने नूंह से ही इस्लामिक प्रचार की शुरुआत की थी। उन्होंने नूंह को इस्लामी शिक्षा और प्रचार का केंद्र बनाया।

मदरसा मोइनुल इस्लाम नूंह की बड़ी मुस्लिम संस्था है। यह मदरसा तब्लीगी जमात के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। यहां से इस्लामी शिक्षा और तब्लीगी जमात का प्रसार हुआ। नूंह से शुरू होकर तब्लीगी जमात आज दुनिया के 150 से अधिक देशों में फैल चुकी है। नूंह में हर शुक्रवार को हजारों लोग नमाज अदा करने आते हैं और यह स्थान इस्लामी शिक्षा के लिए एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular