Tuesday, June 3, 2025
Tuesday, June 3, 2025
Homeदेशनेताजी सुभाष की 128वीं जयंती- पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि दी: पराक्रम...

नेताजी सुभाष की 128वीं जयंती- पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि दी: पराक्रम दिवस इवेंट में शामिल होंगे; सोशल मीडिया पर लिखा- भावी पीढ़ी के लिए संदेश दूंगा


  • Hindi News
  • National
  • PM Narendra Modi Parakram Diwas 2025 Speech Update | Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti

नई दिल्ली26 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम ने लिखा- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है क्योंकि हम उनके सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में काम करते हैं।

पीएम मोदी ने एक और पोस्ट में लिखा कि सुबह करीब 11:25 बजे मैं पराक्रम दिवस कार्यक्रम में अपना संदेश साझा करूंगा। यह दिन हमारी आने वाली पीढ़ियों को चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस अपनाने के लिए प्रेरित करे, जैसा कि सुभाष बाबू ने किया था।

युवा सुभाष की तस्वीर, जब वो कटक से पढ़ने के लिए कलकत्ता (अब कोलकाता) आए थे।

युवा सुभाष की तस्वीर, जब वो कटक से पढ़ने के लिए कलकत्ता (अब कोलकाता) आए थे।

23 जनवरी 1897 को सुभाष चंद्र बोस का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था। सुभाष के पिता जानकीनाथ बोस नामी वकील थे। उनका शुरुआती जीवन ओडिशा के कटक में बीता। उनके 9 भाई-बहन थे। सुभाष शुरुआती दिनों से ही मेधावी छात्र थे, इसलिए कटक से कलकत्ता आकर मशहूर प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया था।

सुभाष चंद्र बोस ने कलकत्ता के ही स्कॉटिश चर्च कॉलेज से BA किया। बाद में लंदन चले गए। जहां ICS की परीक्षा में उन्हें मेरिट लिस्ट में चौथा स्थान मिला। बोस जब इंग्लैंड से पढ़ाई करके भारत लौटे तो 25 साल के हो चुके थे।

सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली, कहा- चलो दिल्ली

4 जुलाई 1943 को सिंगापुर के कैथे भवन में आयोजित एक ऐतिहासिक समारोह में रास बिहारी बोस ने आजाद हिंद फौज की कमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सौंप दी। नेताजी आजाद हिंद फौज के कमांडर बन गए। सुगत बोस लिखते हैं कि अगले दिन 5 जुलाई को 10.30 बजे वर्दी में परेड हुई। उस समय INA के 12 हजार सैनिक मौजूद थे। नेताजी भी सैन्य वर्दी में थे।

नेताजी ने कहा, ‘आजाद हिंद फौज ने युद्ध की घोषणा कर दी है। गुलाम लोगों के लिए चलो दिल्ली…सैनिकों मैं सुख-दुख, धूप-छांव हर समय तुम्हारे साथ रहूंगा। मैं तुम्हें भूख-प्यास, अभाव और मौत के अलावा कुछ नहीं दे पाऊंगा, लेकिन आप मेरा अनुसरण करेंगे तो मैं आपको आजादी और जीत की ओर ले जाऊंगा।’

एक रहस्यमयी हादसे में बोस का निधन, नेहरू बने आजाद भारत के पहले PM

1845 में अंग्रेजी हुकूमत नेताजी के पीछे पड़ गई थी। इसलिए उन्होंने रूस से मदद मांगने का मन बनाया। 18 अगस्त 1945 को उन्होंने मंचूरिया की तरफ उड़ान भरी। 5 दिन बाद 23 अगस्त 1945 को टोक्यो रेडियो ने जानकारी दी कि एक Ki-21 बॉम्बर प्लेन ताइहोकू एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। इसमें सवार सुभाष चंद्र बोस बुरी तरह जल गए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

सुभाष चंद्र बोस के निधन पर दुनियाभर की 10 से ज्यादा कमेटियों ने जांच की है। आजाद भारत की सरकार ने तीन बार इस घटना की जांच के आदेश दिए। पहले दोनों बार प्लेन क्रैश को हादसे का कारण बताया गया। तीसरी जांच में कहा गया कि 1945 में कोई प्लेन क्रैश की घटना ही नहीं हुई।

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular