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नई दिल्ली2 मिनट पहले
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प्रवर्तन निदेशालय ED ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में 15 अप्रैल को पहली चार्जशीट दाखिल की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- नेशनल हेराल्ड केस की चार्जशीट में साजिश और बदले की भावना के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम जोड़ा गया है। वे चाहे जिसका भी नाम डालें, हम डरने वाले नहीं हैं। खड़गे ने शनिवार को दिल्ली में पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारी की बैठक में यह बात कही।
खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन के समय जानबूझकर दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में नेशनल हेराल्ड की संपत्तियां अटैच कीं। इससे पहले भी मोदी सरकार ने ED और CBI के जरिए कांग्रेस नेताओं पर छापे मारकर रायपुर अधिवेशन को बाधित करने की कोशिश की थी।
इधर, भाजपा ने कांग्रेस पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा- अगर गांधी परिवार को अपने जवाब सही लगते हैं, तो वे उन्हें कोर्ट में रखें। राजनीतिकरण ना करें। जांच में गंभीर सवाल उठ रहे हैं। नेहरू-गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी को इन सवालों के जवाब देने होंगे।
ED ने 15 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी। कोर्ट ने ED से मामले की केस डायरी भी मांगी है।

सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ ED की चार्जशीट के खिलाफ तिरुवनंतपुरम में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
खड़गे के संबोधन की 2 बड़ी बातें
- ‘यंग इंडिया’ एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी है। इससे जुड़ी ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ की संपत्तियों पर किसी का व्यक्तिगत दावा नहीं बनता और ना ही उन्हें ट्रांसफर किया जा सकता है। भाजपा इस मामले में झूठ फैला रही है। कांग्रेस के सभी नेता जनता को सही जानकारी देकर भाजपा के झूठे प्रचार का पर्दाफाश करें।
- सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आपत्तियों पर संज्ञान लिया है। हमें पूरा विश्वास है कि हम यह लड़ाई भी जीतेंगे। भाजपा इस कानून को लेकर भी जनता के बीच भ्रम फैला रही है, जिसे उजागर किया जाना जरूरी है। आम चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के बैंक खाते सील किए गए थे। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी मजबूत होकर उभरी और संसद में अपनी ताकत दोगुनी की।
ED का आरोप- ₹2,000 करोड़ की संपत्तियों पर ₹50 लाख रु. में कब्जा किया ED का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लि. (एजेएल) की ₹2,000 करोड़ की संपत्तियों पर कब्जे के लिए उसका अधिग्रहण निजी स्वामित्व वाली कंपनी ‘यंग इंडियन’ के जरिए केवल ₹50 लाख रु. में कर लिया। इस कंपनी के 76% शेयर सोनिया व राहुल के पास हैं। इस मामले में ‘अपराध से अर्जित आय’ 988 करोड़ रु. की मानी गई। साथ ही संबद्ध संपत्तियों का बाजार मूल्य 5,000 करोड़ रु. बताया गया है।
सोनिया-राहुल से घंटों हुई थी पूछताछ

जून 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे पूछताछ हुई थी। फिर 21 जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे सवाल हुए थे। इस दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए।
नेशनल हेराल्ड केस क्या है? BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।
आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया।
स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।
जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी।

वो सबकुछ, जो आपके लिए जानना जरूरी है…
नेशनल हेराल्ड क्या है? अंग्रेजी अखबार, स्थापना 1938 में पं. जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने की। स्वामित्व एजेएल के पास था, जो नवजीवन (हिंदी), कौमी आवाज’ (उर्दू) निकालता था।
AJL ने कर्ज क्यों लिया? AJL पर साल 2008 तक ₹90 करोड़ रु. का कर्ज हो गया। इसका प्रकाशन बंद हो गया। कांग्रेस ने 2002 से 2011 के बीच एजेएल को 90 करोड़ रु. की राशि ऋण के रूप में दी थी।
अधिग्रहण क्यों किया था? 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) नाम से गैर-व्यावसायिक कंपनी बनी, जिसकी 76% हिस्सेदारी सोनिया व राहुल के पास थी। शेष 24% मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, दुबे व पित्रोदा के पास थी। ‘यंग इंडियन’ ने ₹50 लाख में AJL का अधिग्रहण किया। इससे AJL की 99% हिस्सेदारी मिल गई।