पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पहली बार भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिल रहे पानी में कटौती कर दी। पंजाब के CM भगवंत मान ने 29 अप्रैल को वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद हरियाणा के CM नायब सैनी ने कहा कि पंजाब से मीटिंग में जो तय हुआ, वह फ
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1. सवाल: भाखड़ा नहर से पंजाब और हरियाणा में पानी का बंटवारा कैसे होता है? जवाब: भाखड़ा नहर से पानी के आवंटन के लिए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) बना हुआ है। यहां से हरियाणा और पंजाब के अलावा राजस्थान को भी पानी दिया जाता है। यह केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अधीन है, लेकिन इसमें पंजाब के साथ हरियाणा के भी अधिकारियों की तैनाती रहती है। भाखड़ा डैम में हरियाणा का लगभग 32 प्रतिशत हिस्सा है और उसे 4.4 मिलियन एकड़ फुट पानी मिलना चाहिए। अकसर बर्फ मई के शुरू में ही पिघल जाए, तो पानी पहले ही आना शुरू हो जाता है। भाखड़ा डैम में 21 मई से 20 सितंबर तक का समय डैम वाटर फिलिंग पीरियड माना जाता है यानी ये टाइम डैम के भरने का होता है। 21 सितंबर से 20 मई तक का समय डैम वाटर डिप्लीशन पीरियड माना जाता है यानी इस टाइम राज्यों को पानी दिया जाता है।
2. सवाल: पानी में कटौती की नौबत क्यों आई? जवाब: भाखड़ा डैम से पानी मिलने का शेड्यूल 21 मई से अगले साल 20 मई तक का होता है। हरियाणा को डेली साढ़े 8 हजार क्यूसेक पानी अलॉट है। पंजाब के CM भगवंत ने कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का 4.4 मिलियन एकड़ फुट पानी मार्च तक ले चुका। इसलिए अब डेली 4 हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। CM ने इसके पीछे पंजाब के डैमों में पानी का स्तर कम होने का हवाला दिया।
3. सवाल: पंजाब CM ने जिन डैमों की बात की, उनमें जल का स्तर क्या है? जवाब: पौंग डैम में पिछले साल के मुकाबले 40 फीट पानी कम है। रणजीत सागर डैम में 22.97 तो भाखड़ा-नंगल डैम में 11 फीट पानी कम है।
4. सवाल: पानी रोके जाने पर हरियाणा सरकार ने क्या कहा? जवाब: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कोटे का पानी इस्तेमाल करने पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने इतना जरूर कहा कि 23 अप्रैल को मीटिंग हुई थी। उसमें लिए फैसले पंजाब सरकार ने लागू नहीं किए। पंजाब CM से बात भी की। मगर, अधिकारियों को निर्देश देने की जगह उन्होंने राजनीति करते हुए पानी बंद कर दिया।
5. सवाल: हरियाणा पर पानी रोके जाने का क्या असर होगा? जवाब: 6 जिलों कैथल, जींद, हिसार, भिवानी, फतेहाबाद और सिरसा पर इसका सीधा असर पड़ेगा। यहां पेयजल और सिंचाई का पानी भाखड़ा नहर से ही जाता है। इसी वजह से जींद में वाशिंग स्टेशन बंद करने के आदेश हो चुके हैं। हिसार में टैंकर से पानी सप्लाई के रेट तीन गुना कर दिए गए हैं। हालांकि अभी धान बुआई का सीजन नहीं है तो सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं है। मगर, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार और भिवानी के कुछ हिस्सों में जहां कपास की खेती होती है, उन्हें पानी की जरूरत है। कटौती से उन्हें परेशानी होगी।

6. सवाल: हरियाणा में 22 जिले हैं, 6 जिलों में असर तो बचे 16 जिलों में पानी कहां से मिलता है? जवाब: भाखड़ा नहर के अलावा हरियाणा में पश्चिमी यमुना नहर से पानी की आपूर्ति होती है। इसकी शुरुआत यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से होती है। जहां से हरियाणा के पूर्वी और मध्य जिलों यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद, पलवल, नूंह (मेवात), गुरुग्राम में पानी सप्लाई होती है।
7. सवाल: इस समस्या का हल कैसे होगा, केंद्र का क्या रोल रह सकता है? जवाब: भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का संचालन केंद्रीय बिजली मंत्रालय करता है। बोर्ड ने इस बारे में लेटर भी भेज दिया है। अगर 2 राज्यों के बीच विवाद बढ़ेगा तो बोर्ड के जरिए केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है। संविधान के माहिर कहते हैं कि अगर पंजाब तब भी न माने तो हरियाणा प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग कर सकता है। ऐसे में प्रधानमंत्री संविधान के आर्टिकल 257 में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल कर राज्य को पानी छोड़ने का आदेश दे सकते हैं। ऐसे में किसी राज्य के लिए पानी छोड़ना जरूरी हो जाता है।
8. सवाल: अगर यह विवाद हल नहीं होता तो क्या हरियाणा में बड़ा जल संकट हो सकता है? जवाब: पंजाब सरकार ने यह कटौती 17 दिन पहले की है लेकिन हरियाणा के पब्लिक हेल्थ व सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि इसका बड़ा असर 20 मई तक ही हो सकता है। 21 मई से हरियाणा सरकार का नए साल का कोटा चालू हो जाएगा। ऐसे में भाखड़ा डैम को पूरा साढ़े 8 हजार क्यूसेक पानी छोड़ना होगा। उसके बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। ऐसे में लोगों को परेशानी जरूर होगी लेकिन बहुत बड़े संकट की उम्मीद नहीं है।
9. सवाल: हरियाणा के CM ने कहा, इससे दिल्ली में भी पानी की कमी होगी, यह कैसे संभव है? जवाब: हरियाणा के रास्ते दिल्ली को यमुना नहर का पानी जाता है। जिसमें किसी तरह की कटौती नहीं है। मगर, भाखड़ा नहर के पानी में कटौती होती है तो इसकी भरपाई के लिए हरियाणा सरकार यमुना नहर का पानी ज्यादा इस्तेमाल कर सकती है। ऐसी सूरत में दिल्ली में सप्लाई होने वाले पानी में असर दिख सकता है।

