पटना में आज अनोखी शादी हुई, जिसमें 51 जोड़े विवाह के बंधन में बंधे। दरअसल, मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया।
.
ढोल, ताशा, नगाड़ों के साथ दूल्हे बारात लेकर विवाह स्थल पर पहुंचे। इस विवाह का आयोजन श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में हुआ।
हॉल के प्रांगण में मंडप बनाकर शादी पूरी की गई। इस आयोजन में समाज के ऐसे लोगों का विवाह धूमधाम से कराया गया, जो किसी कारणवश आर्थिक संकट झेल रहे हो। उनकी शादी इस संस्थान की ओर से बिल्कुल फ्री थी।
राज्यपाल ने कहा- मानव सेवा ही, माधव सेवा है
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि मैं यहां आकर बहुत अच्छा अनुभव कर रहा हूं। इस कार्यक्रम की भावना को बताने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं। आप इतिहास पर नजर डालिए, जो लोग अपने लिए जीते हैं उन्हें याद नहीं किया जाता। बल्कि याद उन्हें किया जाता है, जो अपने साथ-साथ दूसरों की भी चिंता करते हैं। जैसे स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि वास्तव में जिंदा वही लोग हैं, जो दूसरों के लिए जिंदा रहते हैं।
हर इंसान अपनी जिंदगी में खुशी चाहता है, लेकिन जितनी भी खुशियां हैं, जो आपके सुख सुविधा के उपलब्धता से पैदा होती है वह खुशियां क्षणिक होती है। जब आप रास्ते में रखा हुआ पत्थर भी हटा दें, तो रात में नींद काफी अच्छी आती है। धर्म और कुछ नहीं बल्कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। वही लोग जिंदा हैं, जो दूसरों की सेवा करते हैं। पुण्य का काम करने में कोई देरी नहीं करनी चाहिए।

यह सामाजिक विवाह का 13वां संस्करण
इस कार्यक्रम के आयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश हिसारिया ने कहा कि यह सामाजिक विवाह का 13वां संस्करण है। यह सिर्फ एक सामूहिक विवाह का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य एक ऐसा वातावरण तैयार करना है, जिसमें लोग एक दूसरे की सेवा करने को सदैव तत्पर रहें। दूल्हे को साइकिल और दुल्हन को सिलाई मशीन दी गई है, ताकि वह अपना गृहस्थ जीवन शुरू कर सके।