Wednesday, May 21, 2025
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पटना साहिब ने जत्थेदार गड़गज-ज्ञानी टेक सिंह को ठहराया तनखैया: तख्त की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप; सुखबीर को पेश होने के आदेश – Amritsar News


श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुदीप सिंह गड़गज और श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी टेक सिंह।

तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब के पंच प्यारे सिंह साहिबान ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज और श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी टेक सिंह को ‘तनखैया’ घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई उन पर तख्त की मर्यादा और गरिमा को ठेस पहुंच

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पटना साहिब के आदेशों में कहा गया कि एक विशेष बैठक में पंच प्यारे साहिबान ने इन दोनों जत्थेदारों के आचरण की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में पाया गया कि इन दोनों ने तख्त श्री पटना साहिब द्वारा पूर्व में जारी किए गए हुकमनामों का उल्लंघन किया और उसके विरुद्ध एक अनधिकृत हुकमनामा जारी किया।

पंच प्यारे सिंह साहिबान ने पाया कि ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज और ज्ञानी टेक सिंह ने तख्त की मर्यादा, परंपराओं, धार्मिक आचार संहिता और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है। इस कारण से उन्हें धार्मिक कानूनों के तहत ‘तनखैया’ घोषित किया गया है।

श्री पटना साहिब की तरफ से जारी आदेश।

सुखबीर सिंह बादल को भी भेजा गया समन

साथ ही, इस पूरे विवाद में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की संलिप्तता और षड्यंत्रकारी भूमिका को लेकर भी गंभीर आपत्तियाँ उठाई गईं। उन्हें आदेश दिया गया है कि वे अगले 10 दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से पंच प्यारे सिंह साहिबान के समक्ष तख्त श्री पटना साहिब में पेश हों और अपना पक्ष रखें।

यदि वे इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो सिख मर्यादा के अनुसार उनके विरुद्ध सख्त धार्मिक कार्रवाई की जाएगी।

गैरकानूनी फरमानों को मान्यता नहीं

पंच प्यारे सिंह साहिबान ने यह भी स्पष्ट किया कि ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज और ज्ञानी टेक सिंह द्वारा प्रबंधक बोर्ड को अकाल तख्त साहिब में बुलाने के लिए जारी हुकमनामा अमान्य है। तख्त श्री पटना साहिब की प्रबंधक समिति और प्रशासनिक बोर्ड को निर्देशित किया गया है कि वे इस फरमान को न मानें और तख्त की धार्मिक संप्रभुता से कोई समझौता न करें।

दोनों तख्तों के बीच विवाद बढ़ा

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर अकाल तख्त और तख्त पटना साहिब के बीच अधिकार और वैधता को लेकर चल रहे टकराव को और गहरा कर दिया है। सिख समुदाय के लिए यह एक नाजुक धार्मिक और संगठनात्मक मोड़ है, जिसका असर आने वाले समय में सिख राजनीति और धार्मिक नेतृत्व पर पड़ सकता है।

2010 में भी पटना साहिब से जारी हुए थे आदेश

श्री पटना साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब के बीच दवेश की स्थिति पहले भी बनती रही है। पुराने समय में एक ही ऐसी घटना सामने आती है, जब दोनों तख्तों के बीच दवेश खुलकर सामने आया था। 2010 के आसपा श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को तनखैया घोषित कर दिया था। इस दौरान बादल परिवार ने दोनों तख्तों के बीच सुलाह करवाई थी और ये मामला शांत हो गया था।



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