नई दिल्ली24 मिनट पहले
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कंपनी के खिलाफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस नियमों के उल्लंघन और फंड डायवर्जन की आशंका पर जांच शुरू की गई है।
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को केंद्र सरकार ने नोटिस भेजा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी जांच एजेंसियों को पतंजलि के पैसों के लेन-देन में गड़बड़ियां मिलीं हैं। एजेंसियों ने कई फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस को संदिग्ध माना है।
कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने पातंजलि को नोटिस जारी कर दो महीने के भीतर जवाब देने को कहा है। जांच शुरुआती चरण में है, इसलिए रकम का खुलासा नहीं हुआ है। कंपनी के खिलाफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस नियमों के उल्लंघन और फंड डायवर्जन की आशंका पर जांच शुरू की गई है।
पिछले महीने शरबत विवाद में फसे थे रामदेव
बाबा रामदेव ने 3 अप्रैल को पतंजलि के शरबत की लॉन्चिंग की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा था कि एक कंपनी शरबत बनाती है। उससे जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। बाबा रामदेव ने कहा था कि जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही शरबत जिहाद भी चल रहा है।
इसके खिलाफ रूह अफजा शरबत बनाने वाली कंपनी हमदर्द ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कंपनी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलीलें दीं। रोहतगी ने कहा कि यह धर्म के नाम पर हमला है।
हाईकोर्ट बोला- शरबत पर रामदेव का बयान माफी लायक नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने VIDEO पर नाराजगी जताई। जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि यह बयान माफी लायक नहीं है। इसने कोर्ट की अंतरआत्मा झकझोर दी।
कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि के फाउंडर रामदेव ने कहा कि हम ऐसे सभी VIDEO हटा लेंगे, जिनमें धार्मिक टिप्पणियां की गई हैं। कोर्ट ने रामदेव को एफिडेविट दाखिल करने का आदेश भी दिया है।
पतंजलि शरबत लॉन्चिंग का VIDEO

3 अप्रैल को रामदेव ने पतंजलि शरबत लॉन्च किया था। इसी दौरान शरबत जिहाद कमेंट किया था।
हमदर्द बोला- रामदेव का बयान हेट स्पीच जैसा
रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने अपने बयान के जरिए धर्म के आधार पर हमदर्द कंपनी पर हमला किया है। उन्होंने शरबत जिहाद का नाम दिया। रामदेव का नाम मशहूर है, बिना किसी दूसरे प्रोडक्ट की बुराई के वे पतंजलि का सामान बेच सकते हैं। यह बयान बुराई करने से आगे निकल गया है, यह धार्मिक बंटवारा करता है। रामदेव का कमेंट हेट स्पीच की तरह ही है।
रोहतगी ने भ्रामक विज्ञापनों के केस की याद दिलाई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को लोगों से माफी मांगने का आदेश दिया था। रोहतगी बोले कि विज्ञापनों के जरिए लोगों में भ्रम फैलाया गया और ऐलोपैथिक दवाईयों के खिलाफ बयान भी दिए।
रामदेव ने शरबत के प्रचार के दौरान 2 बयान दिए
1. मस्जिद-मदरसे बनवाती है शरबत कंपनी
रामदेव ने 3 अप्रैल को सोशल मीडिया X पर 10 मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में रामदेव ने पतंजलि के शरबत का प्रचार किया। उन्होंने कहा- एक कंपनी शरबत बनाती है, उससे जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। अगर आप वो शरबत पिएंगे, तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे।
2. पतंजलि शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे
रामदेव ने कहा था कि अगर आप पतंजलि का शरबत पिएंगे, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। मैं कहता हूं कि ये शरबत जिहाद है। जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही ‘शरबत जिहाद’ भी चल रहा है।

विवाद बढ़ा तो 12 अप्रैल को रामदेव ने एक और वीडियो पोस्ट किया। इसमें रामदेव ने कहा, ‘मैंने एक वीडियो डाला, उससे सबको मिर्ची लग गई। मेरे खिलाफ हजारों वीडियो बनाए गए। कहा जाने लगा कि मैंने शरबत जिहाद का नया शिगूफा छोड़ दिया। अरे मैंने क्या छोड़ा, ये तो है ही। लव जिहाद, लैंड जिहाद, वोट जिहाद, बहुत तरह के जिहाद चलाते हैं ये लोग। मैं ये नहीं कह रहा कि वो आतंकवादी हैं, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी इस्लाम के प्रति निष्ठा है।’
भ्रामक विज्ञापन केस में कोर्ट से माफी मांग चुके रामदेव
- अगस्त 2022: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, आरोप—पतंजलि कोविड और दूसरी बीमारियों के इलाज के झूठे दावे कर रही है।
- नवंबर 2023: सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश दिया, लेकिन आदेश के बाद भी कंपनी ने प्रचार जारी रखा।
- 27 फरवरी 2024: कोर्ट ने पतंजलि को फिर फटकार लगाई और बाबा रामदेव-आचार्य बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया।
- मार्च-अप्रैल 2024: कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी, कहा—आदेश न मानने पर सजा हो सकती है।
- 2025: बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने माफीनामा दिया, कोर्ट ने केस बंद किया।