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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एमपी के ब्यूरोक्रेट्स के बर्ताव को लेकर ये टिप्पणी की थी। दरअसल, सीएम की पोस्ट से एक घंटे पहले सरकार ने चार वरिष्ठ आईपीएस का तबादला कर दिया था। कटनी के एसपी रहे अभिजीत रंजन पर तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा और उनके परिजन को पिटवाने के आरोप लगे थे।
दरअसल, तहसीलदार शर्मा उनकी सीएसपी पत्नी ख्याति मिश्रा और तत्कालीन एसपी अभिजीत रंजन के बीच पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा था। शर्मा ने रंजन पर पत्नी को बरगलाने और परिवार को तोड़ने का आरोप लगाया था। दूसरी तरफ ख्याति मिश्रा ने अपने पति पर पीटने और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। वहीं अभिजीत रंजन ने इसे पति-पत्नी का निजी विवाद बताया था।
बहरहाल, एमपी में ये कोई पहला मामला नहीं है जब ब्यूरोक्रेट्स के पर्सनल विवाद सार्वजनिक तौर पर इस तरह से सामने आए हो। इससे पहले भी कई मामले हो चुके हैं। संडे स्टोरी में पढ़िए ब्यूरोक्रेट्स के ऐसे ही निजी जीवन से जुड़े विवाद, जिसकी वजह से लोकसेवक के रूप में उनकी छवि पर दाग लगा और वे सुर्खियों में भी रहे।
5 ब्यूरोक्रेट्स के विवाद जो सुर्खियों में रहे…
1.दो आईपीएस का पारिवारिक विवाद 4 मई को मप्र के 7 IPS अधिकारियों के तबादले हुए, जिसमें तत्कालीन बालाघाट एसपी नागेंद्र सिंह का नाम भी शामिल था। बताया जाता है कि नागेंद्र सिंह के बर्ताव की शिकायत उनकी पत्नी और आईपीएस अधिकारी वाहिनी सिंह ने डीजीपी से की थी। उसी के बाद नागेंद्र सिंह का बालाघाट से तबादला हुआ।
वाहिनी सिंह इस समय डिंडोरी एसपी है और विजय शाह केस में बनी एसआईटी में जांच अधिकारी के रूप में शामिल हैं। हालांकि, जब भास्कर ने नागेंद्र सिंह से इस मामले में बात की तो उन्होंने कहा कि ट्रांसफर रूटीन प्रक्रिया के तहत हुआ है, न कि किसी शिकायत की वजह से। उन्होंने ये भी कहा कि ये मेरा पारिवारिक निजी मामला है, जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को है।
वहीं डिंडोरी एसपी वाहिनी सिंह ने भास्कर से बातचीत में कहा कि मुझे जो कहना था वो मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया है। ये बातें मीडिया के लिए नहीं है। बता दें चार साल पहले कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आईपीएस वाहिनी सिंह को कहा था कि आपके लाइफ पार्टनर आपके (सरकारी) काम में इंटरफेयर करते हैं। उस समय वाहिनी सिंह निवाड़ी एसपी थीं।

2. 16 महीने में उज्जैन से नीरज सिंह का ट्रांसफर उज्जैन के तत्कालीन कलेक्टर नीरज सिंह का इसी साल 14 अप्रैल को ट्रांसफर हो गया था। इससे एक हफ्ते पहले उनके आवास पर हुए एक वाकये की वजह से उनके ट्रांसफर के कयास लगे। दरअसल, 5 अप्रैल की रात उनके आवास पर अचानक पुलिस पहुंच गई थी। खुद उज्जैन के तत्कालीन एसपी भी पहुंचे थे।
बताया जाता है कि पुलिस को नीरज सिंह के आवास पर किसी बड़े विवाद की खबर मिली थी। इसकी सूचना कलेक्टर आवास के स्टाफ ने ही पुलिस को दी थी। दैनिक भास्कर की 6 अप्रैल की खबर के मुताबिक नीरज सिंह और उनकी पत्नी के बीच विवाद हुआ था। भास्कर ने जब नीरज सिंह से इस विवाद के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया था कि केवल पारिवारिक विवाद था।
वह दिल्ली में थे और जब उज्जैन आए तो उन्हें जानकारी मिली। बता दें कि नीरज सिंह को 31 दिसंबर 2023 को उज्जैन का कलेक्टर बनाया गया था, 16 महीने बाद ही उनका ट्रांसफर हो गया। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले नीरज कुमार सिंह मध्य प्रदेश कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

3. IAS पर IRS पत्नी से मारपीट का आरोप मध्यप्रदेश कैडर के IAS अफसर मोहित बुंदस के खिलाफ उनकी पत्नी शोभना मीणा ने साल 2022 में भोपाल के महिला थाना में दहेज प्रताड़ना और मारपीट का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने IAS मोहित के साथ उनकी मां पुष्पा, बहन सविता और सुनीता को भी आरोपी बनाया था। बुंदस की पत्नी शोभना मीणा भी इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) अफसर हैं।
जिस समय ये केस हुआ तब वह भोपाल इनकम टैक्स में डिप्टी कमिश्नर थीं। शोभना ने शादी के बाद से ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना के साथ सास और दोनों ननद पर ताने मारने का आरोप लगाया था। ये भी आरोप था कि शादी के बाद जब उनका यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ तो उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं जाने दिया गया। वे घर से भागकर इंटरव्यू देने पहुंची थी।
बता दें कि मध्य प्रदेश कैडर के 2011 बैच के आईएएस मोहित बुंदस राजस्थान के रहने वाले हैं। जब वे 10 साल के थे, तब उनके पिता की मौत हो गई थी। मोहित के बड़े भाई की एक्सीडेंट में जान चली गई। पति व बेटे की मौत के बाद मोहित की मां ने न केवल खुद को संभाला, बल्कि बेटे को भी आगे बढ़ने की हिम्मत दी।

4.आशिक मिजाज अधिकारी चार शादियों से सुर्खियों में मप्र राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संतोष वर्मा ने आईएएस अवॉर्ड हासिल करने के लिए CBI और व्यापमं के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के फर्जी हस्ताक्षर से कोर्ट का आदेश बनवाया था। वर्मा उस समय नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग में तैनात थे। राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट करने के अधिकारी की जांच की जाती है। मामूली अपराध होने पर IAS अवॉर्ड रुक जाता है।
वर्मा पर दो लड़कियों ने शादी का झांसा देकर शोषण करने की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। स्पेशल जज विजेंद्र सिंह रावत के फर्जी हस्ताक्षर से वर्मा ने ये बताया कि उसे दोनों मामलों में कोर्ट से राहत मिल गई है। जब वह गिरफ्तार हुआ तो उसके इस फर्जीवाड़े के साथ चार-चार शादियां करने का खुलासा हुआ था।

फर्जी आईएएस अवॉर्ड हासिल करने वाले संतोष वर्मा को छह महीने की जेल के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
पांचवीं शादी करने से इनकार तो सामने आया फर्जीवाड़ा
रीवा में सांख्यिकी अधिकारी रहते हुए वर्मा को उसी के वहां काम करने वाली युवती से प्रेम हो गया। इसके बाद उसने उसी नौकरानी से शादी कर ली थी। डिप्टी कलेक्टर रहते हुए वर्मा ने दो-दो शादियां रचाईं। वर्मा को हरदा की रहने वाली एक युवती से प्यार हो गया था। हालांकि, युवती ने जब शादी का दबाव बनाया तो वो मुकर गया। इस पर गुस्साई लड़की थाने पहुंच गई। उसने वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
धार जिले में तैनाती के दौरान वर्मा को एक बीमा एजेंट से प्यार हुआ और शादी की, लेकिन साथ रहने से इनकार करने पर नाराज युवती ने लसुड़िया थाने में केस दर्ज कराया था।

युवती की शिकायत के बाद पुलिस ने संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया था।
5.रिटायर्ड IPS पुरुषोत्तम शर्मा ने पत्नी को पीटा मध्य प्रदेश के स्पेशल DGP रहे रिटायर IPS पुरुषोत्तम शर्मा और उनकी पत्नी के बीच विवाद भी सुर्खियों में रहा। शर्मा पर पत्नी के साथ मारपीट और अनैतिक आचरण के आरोप लगे। पत्नी के साथ घर पर आपसी झड़प का भी वीडियो सामने आया था, जिसमें पत्नी को पीटते हुए नजर आए थे।
बताया जाता है कि शर्मा की पत्नी ने उन्हें एक महिला के घर संदिग्ध हालत में पकड़ा था। इसके बाद शर्मा और उनकी पत्नी प्रिया के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। पत्नी से मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने उन्हें नोटिस थमाया था। कुछ दिनों बाद उन्हें निलंबित कर दिया था।
30 अप्रैल 2024 को स्पेशल DGP के पद पर रहते हुए पुरुषोत्तम शर्मा रिटायर हो गए। जुलाई 2024 में मप्र हाईकोर्ट ने पुरुषोत्तम शर्मा को पेंशन में से हर महीने 50 हजार रूपए पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

रिटायर्ड आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा का ये वीडियो सामने आया था।
एक्सपर्ट बोले- पद की गरिमा बनाए रखना जरूरी
भोपाल के सरोजनी नायडू गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य और सोशियोलॉजिस्ट डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव का मानना है कि उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों को पद की गरिमा बनाए रखना चाहिए। वे कहती हैं कि समाज नायक को अच्छा देखना चाहता है, लेकिन आज के समय में कई विपरीत परिस्थितियां बन सकती हैं।
उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों, ब्यूरोक्रेट्स को अगर व्यक्तिगत समस्या है तो वह कानून के मुताबिक उसका हल ढूंढ सकते हैं। समाज में सभी को गरिमा और उत्कृष्टता से जीने का हक है। अगर किसी के साथ ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं, तो समाज को भी धैर्य रखना चाहिए और देखना चाहिए कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं वो आदतन है या सामान्य है। इसे लेकर जजमेंटल नहीं होना चाहिए।
