उगते सूर्य देवता को शुक्रवार सुबह अर्ध्य देते व्रतधारी महिला-पुरुष।
हरियाणा के पलवल जिले में लोक आस्था का चार दिवसीय छठ पर्व शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ संपन्न हो गया। श्रद्धालुओं के जन सैलाब का जो दृश्य गुरुवार को अस्त होते सूर्य के समय नजर आया था, वहीं कुछ शुक्रवार की सुबह भी देखने को मिला।
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जहां भगवान भास्कर की जय तथा छठ माता की जय के नारों के साथ व्रतियों ने उगते सूर्य को प्रणाम किया।
उगते सूर्य देवता कोअर्ध्य देते व्रतधारी महिला-पुरुष।
भोर होते ही पहुंचे श्रद्धालु
श्रद्धालु भजन व लोकगीत सुनने में मस्त थे और अंधकार छटा भी न था कि सूर्योदय को अर्ध्य देने वाले व्रतियों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया। कुछ लोगों ने सिर पर भी पूजा का सामान लिया हुआ था। सुबह भी लोग गीत गाते हुए नाचते-गाते कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। सभी को अस्थायी रूप से बनाए गए तालाब में प्रवेश कर अर्ध्य देने की जल्दी थी।
इस दौरान आयोजक संस्था पूर्वांचल जन कल्याण समिति के प्रधान विजय पटेल व उनकी टीम व्यवस्था संभालते नजर आए।
छठ माता के भजन गाते हुए महिलाएं।
पहली किरण के साथ शुरू हुआ अर्ध्य देने का क्रम
उगते सूर्य की पहली किरण जिसे उषा भी कहा जाता है के साथ ही अर्ध्य देने का क्रम शुरू हो गया। यह क्रम तब तक चलता रहा, जब तक सभी श्रद्धालुओं ने अर्ध्य देने का कार्य पूरा नहीं कर लिया। सभी ने भगवान सूर्य से व छठी माता से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की। व्रतियों ने घर जाकर कच्चे दूध का शर्बत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूरा किया अर्थात व्रत का पारण (खोलना) किया।