अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर बनी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार के एकमात्र जमीनी मार्ग अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है। इस हमले में 28 पर्यटकों की मौत हुई थी। भारत के इस फ
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यह निर्णय बुधवार को कैबिनेट सुरक्षा समिति द्वारा लिया गया, जिसकी जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सार्वजनिक की थी। विदेश सचिव मिस्री ने कहा था कि जो यात्री वैध दस्तावेजों के साथ पहले ही इस मार्ग से पाकिस्तान गए हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक वापसी की अनुमति दी जाएगी। उसके बाद यह मार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा।
आज से पहले इस चेक पोस्ट पर सुबह से ही लंबी कतारे लग जाती थी। जिसके जरिए भारत से पाकिस्तान जाने वाले और पाकिस्तानी नागरिक अपने देश लोटने के लिए लंबी कतारें लगा खड़े दिखते थे।
पहले अटारी मार्ग से दोनों देशों के नागरिक आ जा सकते थे। (फाइल फोटोज)
भारत-पाक व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा अटारी ICP
अटारी, अमृतसर से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भारत का पहला जमीनी पोर्ट है। यह पाकिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र वैध जीमीनी मार्ग भी है। यह चेक पोस्ट 120 एकड़ में फैला हुआ है और सीधे नेशनल हाईवे-1 से जुड़ा है। यह अफगानिस्तान से आने वाले माल के लिए भी एक अहम मार्ग है।
2023-24 में 71 हजार पैसेंजर्स क्रॉस हुए
वर्ष 2023-24 के दौरान अटारी लैंड पोर्ट से ₹3,886.53 करोड़ का व्यापार दर्ज किया था। जिसमें 6,871 कार्गो मूवमेंट और 71,563 पैसेंजर क्रॉसिंग हुईं थी।
भारत से इस मार्ग से निर्यात होने वाले प्रमुख सामानों में सोयाबीन, चिकन फीड, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना और प्लास्टिक यार्न शामिल हैं। वहीं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले प्रमुख सामानों में सूखे मेवे, छुहारे, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियां शामिल हैं।

सिख श्रद्धालुाओं का जत्था, जो पाकिस्तान गुरुधामों के दर्शनों के लिए जाता था, वे भी इसी मार्ग से रवाना होता था। (फाइल फोटोज)
छोटे व्यापारियों पर संकट
इस चेक पोस्ट से छोटे व्यापारी, कारीगर और लघु उद्योग बुरी तरह प्रभावित होंगे, जो इस मार्ग पर निर्भर रहते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध पहले ही पुलवामा अटैक के बाद से कम होते गए हैं और यह फैसला इस संबंध में एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
अफगान व्यापार पर भी असर
अटारी-वाघा रास्ते से अफगानिस्तान से भारत में जो सामान आता है, वह पाकिस्तान के रास्ते होकर आता है। अब जब यह रास्ता बंद हो रहा है, तो वह सामान समय पर नहीं पहुंच पाएगा। इससे सामान लाने-ले जाने में दिक्कतें आएंगी और व्यापार की सामान्य प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।