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पहलगाम2 मिनट पहले
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गांदरबल पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम अयाज अहमद जुंगाल है। उससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी जैकेट पहने हुए है।
पहलगाम अटैक के बाद वॉट्सएप पर एक तस्वीर और चैटिंग का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ है। इसमें पहलगाम में खच्चर की सवारी कराने वाले एक शख्स की तस्वीर है। दावा किया गया कि खच्चर चलाने वाले ने उन लोगों से उनका धर्म पूछा था। वे लोग हथियार की बात भी कर रहे थे।
वायरल तस्वीर पर कश्मीर पुलिस ने एक्शन लिया। उसमें नजर आ रहे शख्स की पहचान की। गांदरबल पुलिस ने शुक्रवार को तस्वीर में नजर आ रहे शख्स अयाज अहमद जुंगाल को गिरफ्तार किया। वो गांदरबल के गोहीपोरा रायजान का रहने वाला है। सोनमर्ग के थजवास ग्लेशियर में टट्टू सर्विस (खच्चर की सवारी) देता है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
दरअसल, जिस महिला से अयाज ने धर्म वाली बात की थी। वह यूपी के जौनपुर की रहने वाली मॉडल एकता तिवारी हैं। उन्होंने कहा था कि 20 अप्रैल जब हम पहलगाम में थे, तब दो संदिग्धों ने उनसे धर्म पूछा था। उन लोगों से एकता का झगड़ा भी हुआ था। वे हथियारों की भी बातें कर रहे थे। 20 लोगों का हमारा ग्रुप घाटी में ऊपर जाने की जगह वापस लौट आया था।
एकता के मुताबिक यह वाकया दोपहर 12 से 2 बजे के बीच हुआ था। CISF में कार्यरत मेरे जीजाजी ने संदिग्ध आतंकियों के स्केच मुझे भेजे थे। उनमें से दो लोग वही थे, जिनमें मेरी और हमारे ग्रुप की बहस हुई थी। ये लोग हमें वहीं ले जाना चाहते थे, जहां पर 22 अप्रैल को गोलीबारी हुई थी।
अयाज से जुड़ी वायरल पोस्ट…

वायरल वॉट्सएप पोस्ट, लाल घेरे में इसमें अयाज अहमद नजर आया था।

तस्वीर 20 अप्रैल की है। एकता की खच्चर सर्विस वाले से बहस होती हुई।
एकता तिवारी ने सुनाई आपबीती…
‘हम 13 अप्रैल को जौनपुर से जम्मू-कश्मीर के लिए निकले थे। ग्रुप में 20 लोग थे। सबसे पहले वैष्णो देवी गए, वहां दर्शन के बाद हम सोनमर्ग और श्रीनगर घूमे। 20 अप्रैल को हमारा ग्रुप पहलगाम पहुंचा। जैसे-जैसे हम लोग ऊपर चढ़े, वहां कुछ लोगों के बात करने का तरीका मुझे थोड़ा संदिग्ध लगा। उन्होंने पहले मेरा नाम पूछा, फिर कहा- नाम के आगे क्या लगाती हो? मैं आमतौर पर अपना सरनेम किसी को नहीं बताती।’
फिर उन्होंने पूछा कि आप शादीशुदा हैं या नहीं। मैंने कहा- मेरे पति मेरे साथ नहीं आए हैं, जबकि मेरे पति और बच्चे मेरे साथ ही थे। उन्होंने पूछा- आप लोग कहां से हो? मैंने कहा कि मैं राजस्थान से हूं, लेकिन फिलहाल बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी से आ रही हूं, फिर उन्होंने मुझसे अजमेर के बारे में पूछा। मैंने कहा- हां, मैं अजमेर को जानती हूं।
उन्होंने पूछा- क्या आप कभी अजमेर दरगाह गई हैं? मैंने जवाब दिया, नहीं। मैं कभी वहां नहीं गई। मैं हमेशा हॉस्टल में रही हूं, इसलिए वहां जाना नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने मेरी गर्दन के पर बने टैटू की ओर इशारा करते हुए कहा- आपके गले में ओम बना है, आप किस भगवान को मानती हैं? मैंने कहा- मैं भोले बाबा को मानती हूं। उन्हीं की कृपा से आज यहां हूं।
इसके बाद उन्होंने पूछा कि क्या आप कभी अमरनाथ जाना चाहेंगी? मैंने कहा- हां, लेकिन वहां जाने के लिए रजिस्ट्रेशन होता है और मुझे नहीं पता कि कैसे होता है। इस पर उन्होंने कहा, आपको रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है, मैं सीधे दर्शन करवा दूंगा। जब मैंने उनसे कॉन्टैक्ट नंबर मांगा तो उन्होंने देने से मना कर दिया। बोले- बस तारीख बता देना। यही बात मुझे संदिग्ध लगी।

ये फोटो एकता और उनके पति प्रशांत की है। एकता ने बताया, 13 अप्रैल को 20 लोगों के समूह के साथ कश्मीर घूमने गई थीं।
एकता बोलीं- कुरान की बात पर बहस हुई
एकता तिवारी ने बताया- उन्होंने पूछा कि क्या आपने कभी कुरान पढ़ी है? मैंने मना किया। उन्होंने कहा- क्यों नहीं पढ़ी? तो मैंने बताया कि मेरे सभी दोस्त मुस्लिम हैं, मैं उनसे सीख लूंगी। साथ ही कहा कि मुझे उर्दू नहीं आती, इसलिए नहीं पढ़ पाई।
एकता के मुताबिक कुरान की बात पर हमारी उन लोगों से बहस हुई। वे लोग बार-बार धर्म और कुरान की बातें कर रहे थे। तब हमें उन पर शक होने लगा। उन लोगों ने मोजे में छोटा फोन छिपा रखा था, उसके जरिए वे लोग किसी से बात कर रहे थे। हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है।
खच्चर वाला बोला- प्लान A फेल, B पर काम करते हैं, 35 बंदूकें मंगाई
एकता के मुताबिक खच्चर वाले ने फोन पर कहा- प्लान A फेल हो गया है, अब प्लान B शुरू होगा। 35 बंदूकें भेजी हैं, घाटी में रखी हुई हैं। लड़का उन्हें लेने गया है। वो कह रहा था कि बंदूकें घास के बॉक्स में रखी गई हैं। तभी मुझे शक हुआ। मैं उसके खच्चर से कूद गई और कहने लगी कि मुझे वापस जाना है। जब मैं लौटने लगी तो मुझसे बदतमीजी की गई। मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे धक्का दिया गया।
मेरे भाई गले में रुद्राक्ष पहने हुए थे, उनसे भी बदतमीजी की गई। वे लोग हमसे पूछ रहे थे कि तुमने कुरान क्यों नहीं पढ़ी? वे हमें जबर्दस्ती ऊपर ले जाने की कोशिश कर रहे थे, जहां बाद में (22 अप्रैल) हमला हुआ। वे मुझे उसी जगह ले जाना चाहते थे।
हमें लग रहा था कि यह आतंकी हमला 22 तारीख को नहीं, बल्कि 20 तारीख को ही अंजाम देने वाले थे। मैं वहां सबको चिल्लाकर बोल रही थी कि यह जगह सुरक्षित नहीं है, आप सब नीचे चलिए।
संदिग्ध स्केच वाले दो लोग देखे थे
एकता ने कहा कि कुछ लोग मेरी बात मानकर अपने खच्चर वालों से बात करके वापस लौट गए, लेकिन कुछ लोग आगे चले गए। मुझे उन लोगों पर तभी शक हुआ जब वे बार-बार बंदूक और हिंदू धर्म का जिक्र कर रहे थे। उस वक्त मुझे ये अंदाजा नहीं था कि वे आतंकी हैं, लेकिन यह जरूर लग रहा था कि वहां जाना सुरक्षित नहीं है।
वे लोग हमारे ग्रुप के बारे में भी पूछताछ कर रहे थे। 20 अप्रैल को 12 बजे से 2 बजे के बीच मैंने यह सब देखा। मेरे जीजाजी CISF में हैं। उन्होंने मुझे खुफिया एजेंसियों की तरफ से जारी स्केच भेजे थे। जब उन्होंने मुझसे पूछा, क्या तुम इनमें से किसी को पहचानती हो, तो मैंने कहा- हां स्केच में दो लोग वही हैं, जिनसे मेरी झड़प हुई थी।
उन्होंने मुझे मैसेज किया कि यही वे टेररिस्ट हैं। मैंने इसका जिक्र अपने वॉट्सएप ग्रुप में भी किया है। जो फ्रेंड्स मेरे साथ गई थीं, उन्होंने भी उनकी पहचान की। जब सबसे आगे आकर बयान देने को कहा गया, तो कोई आगे नहीं आया, लेकिन मेरे पास उनकी चैट्स और स्क्रीनशॉट्स हैं।
जैसे ही स्केच देखा, पहचान लिया। सबसे पहले मैंने 1076 नंबर पर कॉल किया था। सीएम योगी जी के पास, लेकिन, वहां मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। ढाई मिनट तक बात हुई, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
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मशहूर टूरिस्ट स्पॉट बैसरन घाटी में टूरिस्ट फोटो ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे, एडवेंचर एक्टिविटी कर रहे थे। तभी गोलियां चलने लगीं। फायरिंग वाली जगह से दूर टूरिस्ट्स पर कोई असर नहीं पड़ा। वे अपनी मस्ती में डूबे थे। थोड़ी देर में ही उन्हें भी समझ आ गया कि हमला हुआ है। जंगल की तरफ से आए आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। 10 से 15 मिनट में 26 लोगों को मार दिया। फिर वापस जंगल में गायब हो गए। उनका अब तक पता नहीं चला। पूरी खबर पढ़ें…