घरौंडा में पहलगाम हमले को लेकर कैंडल मार्च निकालते लोग।
जम्मू-कश्मीर की बैरसान घाटी में आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत से करनाल जिले के घरौंडा समेत पूरे देश में गुस्सा है। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को विश्वकर्मा चौक से एसडी मंदिर तक कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ
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शहरवासियों ने कहा कि अब सिर्फ कैंडल मार्च नहीं, पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब देना होगा। केंद्र सरकार से हमले का बदला लेने और सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
शहर की सड़कों पर उतरे लोग
विश्वकर्मा चौक से शुरू हुआ कैंडल मार्च रेलवे रोड, मंडी मनीराम और तकिया बाजार होते हुए एसडी मंदिर पर जाकर समाप्त हुआ। बड़ी संख्या में शहर के सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ आम नागरिक भी इसमें शामिल हुए। एसडी मंदिर पर दो मिनट का मौन रखकर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी हुई और लोगों ने कहा कि अब केवल शोक नहीं, जवाब चाहिए।
घरौंडा में कैंडल मार्च निकालते शहरवासी।
आतंकियों ने धर्म पूछकर बरसाई गोलियां
हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने 16 अप्रैल को शादी की थी और पत्नी हिमांशी के साथ बैरसान घाटी घूमने पहुंचे थे, लेकिन आतंकियों ने हिंदू धर्म पूछकर उन पर अंधाधुंध गोलियां चला दी। घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। पार्षद अमित गुप्ता, शहरवासी शेरू विग, गगन विग, निफा घरौंडा अध्यक्ष कमल कांत व अन्य का कहना है कि हिमांशी के हाथों की मेहंदी भी नहीं सूखी थी और विनय की शहादत ने उसकी पूरी दुनिया उजाड़ दी।
हमले में कई नवविवाहित भी शामिल
लोगों ने बताया कि इस हमले में कुल 27 भारतीय नागरिक मारे गए। इनमें से कई अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए थे और कुछ शादी के बाद नई जिंदगी की शुरुआत करने निकले थे। यह हमला किसी एक राज्य पर नहीं, पूरे देश पर किया गया हमला है।
पाकिस्तान को बताया कायर, बोले-अब चाहिए बदला
शहरवासियों ने कहा कि पाकिस्तान ने फिर साबित कर दिया है कि वह एक कायर देश है, जो निहत्थे लोगों को मारकर अपनी हैवानियत दिखा रहा है। लोगों ने कहा कि अब पुलवामा की तरह हमले का भी सख्त जवाब देना जरूरी है। सिर्फ कैंडल मार्च से बात नहीं बनेगी, अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जवाब दिया जाए।
शहीद विनय की शहादत बना गर्व और आक्रोश का प्रतीक
शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत को लेकर लोगों की आंखों में आंसू और दिलों में आक्रोश दोनों देखने को मिला। हर व्यक्ति ने कहा कि विनय की यह कुर्बानी देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन जिस परिस्थिति में वह शहीद हुए, वह गुस्सा पैदा करती है। लोगों का कहना है कि अब सिर्फ अफसोस करने से कुछ नहीं होगा, कार्रवाई करनी होगी।